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World Anti Child Labour Day: बाल मजदूरों के पुनर्वास के लिए विशेष नीति बनाने का आह्वान

युवाओं ने बाल मजदूरों को मुक्त कराने और उनके पुनर्वास के लिए विशेष नीति बनाने के साथ ही बाल मजदूरों के लिए आवासीय स्कूल स्थापित करने और बाल कल्याण योजनाओं के लिए बजटीय आवंटन को बढ़ाने की मांग की.

विश्व बाल श्रम निषेध दिवस (World Anti Child Labour Day) से पहले बाल मजदूरों को मुक्त कराने और उनके पुनर्वास के लिए विशेष नीति बनाने का आह्वान किया गया. साथ ही विशेष नीति के तहत ऐसे बाल मजदूरों (Child Labour) के लिए आवासीय स्कूल स्थापित करने और बाल कल्याण योजनाओं के लिए बजटीय आवंटन को बढ़ाने की भी मांग की गयी.

2025 तक बाल श्रम के उन्मूलन पर राष्ट्रीय परामर्श

राष्ट्रीय राजधानी में बचपन बचाओ आंदोलन (Bachpan Bachao Andolan) और कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन फाउंडेशन (Kailash Satyarthi Children Foundation- KSCF) द्वारा आयोजित समारोह ‘वर्ष 2025 तक बाल श्रम के उन्मूलन पर राष्ट्रीय परामर्श’ के दौरान युवाओं के एक समूह को सम्मानित किया गया, जिनमें से कुछ को अपने बचपन के दौरान बाल मजदूरी करने को मजबूर किया गया था.

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भारत के सभी 749 जिलों को राष्ट्रीय बाल श्रम योजना के तहत लाया जाये

समारोह के दौरान युवाओं ने बाल मजदूरों को मुक्त कराने और उनके पुनर्वास के लिए विशेष नीति बनाने के साथ ही बाल मजदूरों के लिए आवासीय स्कूल स्थापित करने और बाल कल्याण योजनाओं के लिए बजटीय आवंटन को बढ़ाने की मांग की. सम्मानित किये गये युवाओं ने सरकार से एक प्रभावी बचाव और पुनर्वास नीति के मद्देनजर भारत के सभी 749 जिलों को राष्ट्रीय बाल श्रम योजना (एनसीएलपीएस) के तहत लाने और इसके प्रभावी कार्यान्वयन के लिए प्रौद्योगिकी आधारित निगरानी योजना शुरू करने का आग्रह किया.

बाल तस्करी विरोधी विधेयक पारित करने का अनुरोध

सम्मानित होने वालों में मध्यप्रदेश के विदिशा जिले के 18 वर्षीय सुरजीत लोधी भी शामिल थे. लोधी ने अपने गांव के कई बच्चों को शिक्षा दिलाने में मदद की है. लोधी ने कहा, ‘बाल श्रम के खिलाफ मौजूदा कानून को प्रभावी ढंग से लागू किया जाना चाहिए. हम सरकार से बाल तस्करी विरोधी विधेयक पारित करने का भी अनुरोध करते हैं, क्योंकि ज्यादातर बच्चों की तस्करी जबरन बाल मजदूरी कराने के लिए की जाती है.’

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झारखंड के तीन युवा हुए सम्मानित

सम्मानित होने वाले युवाओं में पांच राजस्थान के थे, जिनमें अमर लाल, तारा बंजारा, राजेश जाटव, ललिता दुहारिया, पायल जांगिड शामिल हैं. इसके अलावा, झारखंड के नीरज मुर्मू, चंपा कुमारी और राधा कुमारी को भी सम्मानित किया गया. उल्लेखनीय है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हर साल 12 जून को विश्व बाल श्रम निषेध दिवस के रूप में मनाया जाता है. इसको मनाये जाने का उद्देश्य 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों से श्रम ना कराकर उन्हें शिक्षा दिलाने और आगे बढ़ने के लिए जागरूक करना है.

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