Covid 19 Lockdown : कहीं ऐसे भारत के गांवों तक दबे पांव नहीं पहुंच जाए कोरोना वायरस

covid 19 in indian village : विश्व बैंक ने रविवार को कहा कि घर लौट रहे प्रवासी मजदूर अप्रभावित राज्यों एवं गावों में कोरोना वायरस ले जाने वाले रोगवाहक हो सकते हैं और प्रारंभिक परिणाम दिखाते हैं कि भारत के जिन इलाकों में ये लोग लौट रहे हैं वहां भी कोविड-19 के मामले सामने आ सकते हैं.

By Amitabh Kumar | April 12, 2020 2:15 PM

covid 19 in indian village : विश्व बैंक ने रविवार को कहा कि घर लौट रहे प्रवासी मजदूर अप्रभावित राज्यों एवं गावों में कोरोना वायरस ले जाने वाले रोगवाहक हो सकते हैं और प्रारंभिक परिणाम दिखाते हैं कि भारत के जिन इलाकों में ये लोग लौट रहे हैं वहां भी कोविड-19 के मामले सामने आ सकते हैं.

अपनी द्विवार्षिक रिपोर्ट में, विश्व बैंक ने कहा कि दक्षिण एशिया, खासकर उसके शहरी इलाके, विश्व में सबसे घनी आबादी वाला क्षेत्र हैं और घरेलू स्तर पर कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकना क्षेत्र में एक बड़ी चुनौती है. रिपोर्ट में कहा गया कि इससे संक्रमण फैलना आसान हो जाता है, खासकर सबसे कमजोर लोगों के बीच जोकि झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले लोग और प्रवासी मजदूर हैं.

भारत, बांग्लादेश और पाकिस्तान में अंतर्देशीय यात्री परिवहन साधनों पर रोक की घोषणा और इसे लागू करने के बीच एक दिन से भी कम समय लगा जिससे अव्यवस्था उत्पन्न हो गयी क्योंकि प्रवासी मजूदर आनन-फानन में घर लौटने लगे, इससे भीड़ बढ़ गयी और सामाजिक दूरी का नियम लागू करना नामुमकिन हो गया.

विश्व बैंक ने रविवार को जारी अपनी “दक्षिण एशिया आर्थिक अपडेट : कोविड-19 का प्रभाव” रिपोर्ट में कहा कि प्रवासी मजदूरों का हुजूम अन्य राज्यों एवं गावों में कोरोना वायरस का आसानी से रोगवाहक बन सकता है. इसमें कहा गया कि दक्षिण एशिया के लिए एक छोटी सी राहत यह है कि यहां 65 साल से ज्यादा की आबादी अमेरिका और चीन की तुलना में कम है जो मृत्यु दर को भी सीमित करती है. हालांकि, परिवार के सदस्यों की संख्या अधिक है. जिन देशों में चिकित्सा उपकरण (सैनेटाइजर, मास्क और वेंटिलेटर) की उपलब्धतता अपर्याप्त है और ज्यादातर आयातित चिकित्सा उत्पादों के अभाव के चलते देशों को घरेलू आपूर्तियों को जमा करके रखना पड़ रहा है.

बैंक ने कहा कि लॉकडाउन की नीतियों ने पूरे उपमहाद्वीप में करोड़ों प्रवासियों को प्रभावित किया है जिनमें से अधिकतर दिहाड़ी मजदूर हैं और शहरी केंद्रों में उनके पास काम नहीं बचा है जिसके चलते वे अपने ग्रामीण घरों की ओर सामूहिक पलायन कर रहे हैं, अक्सर पैदल ही. इसमें कहा गया प्रवासी मजदूरों के पास लंबे समय कर बिना काम के शहरों में संभवत: भूखे रहने और सैकड़ों मील दूर अपने गृह जिलों को लौटने के लिए जानलेवा यात्रा पर निकलने के बीच किसी एक को चुनने का बेहद कठोर विकल्प है.

विश्व बैंक ने कहा कि प्रारंभिक परिणाम दिखाते हैं कि भारत में जिन इलाकों में सबसे ज्यादा पलायन किया जा रहा है वहां कोविड-19 के मामले ज्यादा हो सकते हैं. बैंक ने सरकार से उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में जल्द से जल्द संसाधन पहुंचाने की भी अपील की.

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