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World Cancer Day 2021: मैं हूं और मैं रहूंगा

कैंसर के प्रति जागरुकता फैलाने के लिए हर साल 4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है. इस बार की थीम है "मैं हूं और रहूंगा" (“I am and I will”). ये थीम साल साल 2019 से 2021 तक तीन साल के लिए रखी गयी है. विश्व कैंसर दिवस लोगों को जागरुक करने क लिए मनाया जाता है. इसकी शुरुआत साल 1993 में जिनेवा, स्विट्ज़रलैंड में किया गया था. यूनियन फॉर इंटरनेशनल कैंसर कंट्रोल (UICC) ने इसकी शुरुआत की थी.

कैंसर के प्रति जागरुकता फैलाने के लिए हर साल 4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है. इस बार की थीम है “मैं हूं और रहूंगा” (“I am and I will”). ये थीम साल साल 2019 से 2021 तक तीन साल के लिए रखी गयी है. विश्व कैंसर दिवस लोगों को जागरुक करने क लिए मनाया जाता है. इसकी शुरुआत साल 1993 में जिनेवा, स्विट्ज़रलैंड में किया गया था. यूनियन फॉर इंटरनेशनल कैंसर कंट्रोल (UICC) ने इसकी शुरुआत की थी.

इतने सालों के बाद भी कैंसर को लेकर तरह – तरह की अफवाह है. आज भी कई लोगों को मन में यह अफवाह है कि कैंसर जिन्हें हैं उन्हें स्पर्श करने से उनके संपर्क में आने से फैलता है. इन धारणाओं को दूर करने और लोगों को जागरुक करने के उद्देश्य से यह मनाया जाता है. इसके लिए सरकारी और गैर-सरकारी संघठन विश्व भर में कैंप, लेक्चर और सेमीनार का आयोजन करते हैं.

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जिस वक्त इसकी शुरुआत हुई उस समय लगभग 12.7 मिलियन लोग कैंसर की बीमारी से जूझ रहे थे और हर साल तकरीबन 7 मिलियन लोगों की जान कैंसर की वजह से जा रही थी. कैंसर का खतरा इन वजहों से हो सकता है जिनमें लंबे समय तक तंबाकू या गुटखे का सेवन करना, सिगरेट पीना, शराब पीना, लंबे समय तक रेडिएशन के संपर्क में रहना, आनुवंशिक दोष होना, शारीरिक निष्क्रियता, खराब पोषण एवं कभी-कभी मोटापे से भी कैंसर का खतरा होता है.

कैसर के सबसे ज्यादा मामले स्तन कैंसर, सर्वाइकल कैंसर, पेट का कैंसर, ब्लड कैंसर, गले का कैंसर, गर्भाशय का कैंसर, अंडाशय का कैंसर, प्रोस्टेट (पौरुष ग्रंथि) कैंसर, मस्तिष्क का कैंसर, लिवर (यकृत) कैंसर, बोन कैंसर, मुंह का कैंसर और फेफड़ों का कैंसर के मामले अक्सर सामने आते हैं.

शरीर के किसी हिस्से में अगर गांठ महसूस हो रहा है तो यह कैंसर हो सकता है. अगर निगलने में कठिनाई हो रही है तो भी कैंसर की संभावना है इसके अलावा , पेट में लगातार दर्द बने रहना, घाव का ठीक न होना, त्वचा पर निशान पड़ जाना, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द होना, कफ और सीने में दर्द होना, थकान और कमजोरी महसूस होना, निप्पल में बदलाव होना, शरीर का वजन अचानक से कम या ज्यादा हो जाना कैंसर की निशानी हो सकती है.

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कैंसर से बचाव के लिए जरूरी है कि फाइबर युक्त भोजन करें. धूम्रपान करने से बचें, ज्यादा फैट वाला भोजन ना लें. शरीर का वजन सामान्य बनाये रखें. व्यायाम करें . इन अच्छी आदतों के साथ आप इस खतरनाक बीमारी से दूर रह सकते हैं. सही डायट और सही दिनचर्या आपको ना सिर्फ कैंसर जैसी खतरनाक बीमारियों से दूर रखती है बल्कि इस तरह की कई बीमारियों से भी बचाव होता है.

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