फिजी डायरी: बूला और विनाका का देश

हिंदी सम्मेलन के दौरान भारतीयों का खुले दिल से स्वागत से यह प्रत्यक्ष महसूस किया जा सकता है. यह एक छोटा सा देश है जिसकी आबादी नौ लाख से थोड़ी अधिक है, जिसमें 40 फीसदी आबादी भारतीय मूल के लोगों की है

By Ashutosh Chaturvedi | February 16, 2023 8:13 AM

नांदी (फिजी) से आशुतोष चतुर्वेदी:

भारत में जैसे हम अभिवादन के रूप में नमस्ते अथवा जोहार का इस्तेमाल करते हैं. फिजी में ‘बूला’ नमस्ते का समकक्ष है और ‘विनाका’ का अर्थ है धन्यवाद. फिजी में इन दोनों शब्दों का प्रयोग बहुतायत से होता है. प्रतिनिधिमंडल के हर सदस्य को सबसे पहले इन्हीं शब्दों से परिचित कराया जाता है. भारतीयों की यहां आबादी अच्छी खासी है और यह प्रभावशाली वर्ग है. सभी समुदायों में उनके प्रति आदर का भाव साफ नजर आता है.

हिंदी सम्मेलन के दौरान भारतीयों का खुले दिल से स्वागत से यह प्रत्यक्ष महसूस किया जा सकता है. यह एक छोटा सा देश है जिसकी आबादी नौ लाख से थोड़ी अधिक है, जिसमें 40 फीसदी आबादी भारतीय मूल के लोगों की है. दशकों पहले अधिकांश लोग पूर्वी भारत से गिरमिटिया मजदूर के रूप में आये और फिजी में बस गये. आज भारतीय मूल के लोगों की राजनीति और कारोबार दोनों में प्रभावशाली भूमिका है.

एक वोट की सरकार

जोड़-तोड़ की सरकार का चलन केवल भारत में ही नहीं है, फिजी भी इससे अछूता नहीं है. यहां हाल में सत्ता परिवर्तन हुआ है और एक वोट से सरकार बनी है. कांटे की टक्कर में सितिवेनी राबुका बहुमत हासिल कर प्रधानमंत्री बने हैं. हिंदी सम्मेलन का उद्घाटन प्रधानमंत्री को करना था, लेकिन संसद का सत्र चल रहा था और सत्र छोड़ कर वह कोई जोखिम उठाना नहीं चाहते थे. इसलिए प्रधानमंत्री की जगह राष्ट्रपति रातु विलियम कातोनिवेरे ने सम्मेलन का उद्घाटन किया.

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