भारत को बड़ा झटका! अमीरों के पास अब भी देश का आधे से ज्यादा पैसा, निचले तबके के पास संसाधनों की घोर कमी
World Inequality Report 2022: भारत को एक बार फिर बड़ा झटका लगा है. देश का राष्ट्रीय आय का आधे से ज्यादा हिस्सा 10 फीसदी अमीरों के पास है. वहीं, देश के 50 फीसदी निचले तबके के पास आय का मात्र 13 फीसदी है.
भारत में गरीबों और अमीरों के बीच की खाई लगातार बढ़ती ही जा रही है. आज भी राष्ट्रीय आय का आधे से ज्यादा हिस्सा शीर्ष 10 फीसदी आबादी के पास है. विश्व असमाना रिपोर्ट 2022 (World Inequality Report 2022) में यह बात निकल कर सामने आई है. इस रिपोर्ट में भारत को गरीब के साथ साथ असमानताओं से भरा हुआ देश बताया गया है. इस रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि देश के शीर्ष 10 फीसदी आबादी के पास राष्ट्रीय आय का 57 फीसदी हिस्सा है. वहीं, निचले तबके के 50 फीसदी लोग ऐसे हैं जिनके पास राष्ट्रीय आय का केवल 13 फीसदी हिस्सा है. वहीं, 2020 में देश की वैश्विक आय भी काफी नीचे पहुंच गई है. बता दें कि ये रिपोर्ट साल 2021 पर आधारित है.
भारत में सबसे अधिक असमानता
बता दें कि विश्व असमानता रिपोर्ट 2022(World Inequality Report 2021) की रिपोर्ट के लेखक लुकास चांसल है. चांसल ‘वर्ल्ड इनक्यूलैटी लैब’ के सह निदेशक हैं. वहीं, इस रिपोर्ट को तैयार करने में फ्रांस के अर्थशास्त्री थॉमस पिकेट्टी समेत कई विशेषज्ञों ने योगदान दिया है. वहीं, रिपोर्ट से भारत को एक बड़ा झटका मिला है. इसमें कहा गया है कि अब भारत दुनिया के सबसे असमानता वाले देशों की सूची में शामिल हो गया है. यानी भारत में गरीबों के पास संसाधनों की घोर कमी है जबकि कुछ अमीरों के पास देश का आधे से ज्यादा संसाधन है. जो अपने आप में काफी बड़ी खाई है.
रिपोर्ट में दिया गया पूरा ब्यौरा
वहीं, आपको बता दें कि रिपोर्ट में आबादी के हिसाब से पूरा ब्यौरा दिया गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की वयस्क आबादी की औसत आय 2 लाख 4 हजार 200 रुपए है. वहीं, निचले तबके यानी आबादी के 50 फीसदी की आय 53 हजार 610 रुपए हैं. वहीं, शीर्ष 10 फीसदी आबादी की आय निचले तबके से करीब 20 गुना ज्यादा है. वहीं, रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि भारत की शीर्ष 10 फीसदी आबादी ऐसी है जिसके पास कुल राष्ट्रीय आय का 57 फीसदी, वहीं, एक फीसदी आबादी के पास 22 फीसदी और निचले तबके के 50 फीसदी आबादी के पास राष्ट्रीय आय में हिस्सेदारी केवल 12 फीसदी है.
वहीं, रिपोर्ट के मुताबिक भारत में औसत घरेलू संपत्ति 9 लाख 83 हजार 10 है. इसमें कहा गया है कि ‘भारत एक गरीब और काफी असमानता वाला देश है’, रिपोर्ट में लैंगिंक असमानता पर भी भारत की स्थिति को उजागर किया गया है. जिसमें कहा गया है कि भारत में लैंगिक असमानता भी बहुत अधिक है. महिला श्रमिकों की आय में हिस्सेदारी मात्र 18 फीसदी है. जो एशिया के औसत 21 फीसदी(चीन के अलावा) से कम है.