World Most Powerful Army: दुनिया की सबसे ताकतवर सेनाओं की लिस्ट जारी, जानें कितनी मजबूत है भारत की सेना
World Most Powerful Army: 2024 में पाकिस्तान 9वें स्थान पर था, लेकिन 2025 में वह 12वें स्थान पर पहुंच गया है. इसकी प्रमुख वजह सैन्य आधुनिकीकरण में चुनौतियां और आर्थिक समस्याएं मानी जा रही हैं.
World Most Powerful Army: ग्लोबल फायरपावर ने 2025 की सैन्य शक्ति रैंकिंग जारी कर दी है, जिसमें भारत ने चौथा स्थान बरकरार रखा है. वहीं, पाकिस्तान की रैंकिंग में गिरावट आई है और वह 9वें स्थान से खिसककर 12वें स्थान पर पहुंच गया है. इस सूची में अमेरिका पहले, रूस दूसरे और चीन तीसरे स्थान पर बना हुआ है.
ग्लोबल फायरपावर इंडेक्स क्या है?
ग्लोबल फायरपावर इंडेक्स दुनिया की सबसे शक्तिशाली सेनाओं का आकलन करने वाला एक प्रतिष्ठित सूचकांक है. यह 60 से अधिक मापदंडों के आधार पर देशों की सैन्य शक्ति को रैंक करता है. इनमें सैन्य इकाइयों की संख्या, वित्तीय स्थिति, लॉजिस्टिक क्षमता, भौगोलिक परिस्थितियां और तकनीकी प्रगति जैसे कारक शामिल होते हैं. हालांकि, इस इंडेक्स में परमाणु हथियारों को शामिल नहीं किया जाता.
2025 की टॉप-10 सैन्य शक्तियां:
- अमेरिका – अत्याधुनिक हथियार प्रणाली, विशाल रक्षा बजट और वैश्विक प्रभाव के कारण अमेरिका पहले स्थान पर है. (पावर इंडेक्स स्कोर: 0.0744)
- रूस – यूक्रेन युद्ध के बावजूद रूस ने अपनी सैन्य शक्ति बनाए रखी है और रणनीतिक साझेदारियों के जरिए मजबूती हासिल की है. (पावर इंडेक्स स्कोर: 0.0788)
- चीन – रक्षा और तकनीकी क्षेत्र में भारी निवेश के कारण चीन तीसरे स्थान पर बना हुआ है. (पावर इंडेक्स स्कोर: 0.0788)
- भारत – आधुनिक सैन्य उपकरणों, उन्नत हथियार प्रणालियों और रणनीतिक क्षमताओं के कारण भारत चौथे स्थान पर है. (पावर इंडेक्स स्कोर: 0.1184)
- दक्षिण कोरिया – रक्षा क्षेत्र में निवेश और वैश्विक गठबंधनों से दक्षिण कोरिया मजबूत स्थिति में है. (पावर इंडेक्स स्कोर: 0.1656)
- यूनाइटेड किंगडम – (पावर इंडेक्स स्कोर: 0.1785)
- फ्रांस – (पावर इंडेक्स स्कोर: 0.1878)
- जापान – (पावर इंडेक्स स्कोर: 0.1839)
- तुर्की – (पावर इंडेक्स स्कोर: 0.1902)
- इटली – (पावर इंडेक्स स्कोर: 0.2164)
पाकिस्तान की रैंकिंग में गिरावट
2024 में पाकिस्तान 9वें स्थान पर था, लेकिन 2025 में वह 12वें स्थान पर पहुंच गया है. इसकी प्रमुख वजह सैन्य आधुनिकीकरण में चुनौतियां और आर्थिक समस्याएं मानी जा रही हैं. वहीं, भूटान इस सूची में 145वें स्थान पर है, जो सबसे निचला स्थान है.
भारत की सैन्य ताकत
थल सेना (Army)
- 14.5 लाख सक्रिय सैनिक, 11.5 लाख आरक्षित सैनिक
- 25 लाख से अधिक अर्धसैनिक बल
- प्रमुख हथियार: T-90 भीष्म टैंक, अर्जुन टैंक, ब्रह्मोस मिसाइल, पिनाका रॉकेट सिस्टम, होवित्जर तोपें
वायु सेना (Air Force)
- 2,229 विमान, जिनमें 600 लड़ाकू विमान, 899 हेलीकॉप्टर और 831 सपोर्ट एयरक्राफ्ट शामिल हैं.
- प्रमुख लड़ाकू विमान: राफेल, Su-30MKI, नेट्रा सर्विलांस प्लेन
- मिसाइल प्रणाली: रुद्रम, अस्त्र, निर्भय, ब्रह्मोस, आकाश एयर डिफेंस सिस्टम
नौसेना (Navy)
- 1,42,251 नौसैनिक
- प्रमुख रणनीतिक संपत्तियां: परमाणु पनडुब्बियां, INS विक्रमादित्य और INS विक्रांत विमानवाहक पोत
- बेड़ा: 150 युद्धपोत और पनडुब्बियां, 50 से अधिक जहाज निर्माणाधीन
- टोही और पनडुब्बी रोधी विमान: P-8i, MH-60R हेलीकॉप्टर
ग्लोबल फायरपावर इंडेक्स में सैन्य मूल्यांकन के प्रमुख मानदंड
ग्लोबल फायरपावर इंडेक्स निम्नलिखित कारकों के आधार पर देशों की सैन्य शक्ति का मूल्यांकन करता है:
- सैन्य इकाइयां: टैंक, विमान, युद्धपोत, मिसाइल प्रणाली
- आर्थिक कारक: रक्षा बजट और वित्तीय संसाधन
- लॉजिस्टिक क्षमता: ईंधन आपूर्ति, भंडारण और परिवहन
- भौगोलिक स्थिति: रणनीतिक लाभ और संसाधन उपलब्धता
पड़ोसी देशों की सैन्य स्थिति
चीन (रैंक 3)
- 20 लाख सक्रिय सैनिक
- 3,150 से अधिक लड़ाकू विमान
- 370+ युद्धपोत और पनडुब्बियां (दुनिया की सबसे बड़ी नौसेना)
पाकिस्तान (रैंक 12)
- 6,40,000 सक्रिय सैनिक
- प्रमुख टैंक: अल-खालिद, T-80UD, अल-जर्रार
- वायु सेना: JF-17 थंडर, F-16, मिराज फाइटर जेट
- नौसेना: अगोस्ता 90B पनडुब्बियां, तारिक-क्लास विध्वंसक, जुल्फिकार-क्लास फ्रिगेट
बांग्लादेश (रैंक 35)
- 1,63,000 सक्रिय सैनिक, 6,80,000 अर्धसैनिक बल
- वायु सेना: 166 विमान, जिनमें 44 लड़ाकू विमान शामिल
- नौसेना: 117 युद्धपोत, जिनमें 2 चीनी मूल की पनडुब्बियां शामिल
ग्लोबल फायरपावर इंडेक्स 2025 में भारत अपनी चौथी रैंकिंग बनाए रखने में सफल रहा है, जबकि पाकिस्तान की स्थिति कमजोर हुई है. अमेरिका, रूस और चीन अभी भी शीर्ष 3 स्थानों पर बने हुए हैं. इस रैंकिंग से स्पष्ट होता है कि सैन्य ताकत केवल हथियारों और सैनिकों की संख्या पर निर्भर नहीं करती, बल्कि आर्थिक स्थिरता, तकनीकी उन्नति और रणनीतिक दृष्टिकोण भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.
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