WTO Summit 2022: भारत ने डब्ल्यूटीओ की बैठक से पहले तीन बातों पर जताई असहमति, 80 देशों का मिला साथ

WTO Summit 2022: डब्ल्यूटीओ के रविवार से शुरू हो रहे 12वें मंत्रीस्तरीय सम्मेलन से पहले भारत ने संगठन के तीन मसौदों मछली पकड़ने, कृषि और कोविड वैक्सीन पेटेंट पर असहमति जाहिर की है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 12, 2022 6:42 PM

WTO Summit 2022: विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के रविवार से शुरू हो रहे 12वें मंत्रीस्तरीय सम्मेलन (MC) से पहले भारत ने कई मसौदों पर असहमति जताई है. इस सम्मेलन से पहले भारत ने संगठन के तीन मसौदों मछली पकड़ने, कृषि और कोविड वैक्सीन पेटेंट पर असहमति जाहिर की है. सामने आ रही जानकारी के मुताबिक, इन तीन मसौदों पर भारत का साथ देने 80 देश सामने आए हैं.

मछली पकड़ने वाले मसौदे पर भारत को आपत्ति

बताया जा रहा है कि संगठन बीते बीस वर्षों से अवैध व अनियमित मछली पकड़ने पर सब्सिडी को खत्म करने के साथ ही स्थायी मछली पकड़ने को बढ़ावा देने का दबाव बना रहा है. हालांकि, भारत इसका विरोध कर रहा है, क्योंकि यह भी कृषि की तरह लोगों के लिए आजीविका का मुद्दा है. भारत के मुताबिक, मत्स्य पालन पर अंतिम मसौदा अनुचित था. इस मसौदों पर बड़ी संख्या में विकसित और अविकसित देश भारत के पक्ष में हैं.

जानें कृषि से जुड़े मसौदे पर भारत की ओर से क्यों जताई जा रही असहमित

यूक्रेन संकट के कारण दुनिया भर में खाद्यान्नों की कमी के बीच कृषि डब्ल्यूटीओ में एक बड़ा मुद्दा बनने जा रहा है. कृषि से संबंधित मसौदे पर भारत की ओर से इस कारण असहमति जताई जा रही है, क्योंकि ये खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए गरीबों को दी जा रही सब्सिडी को कम करने की बात करता है. सब्सिडी को लेकर डब्ल्यूटीओ के मौजूदा नियम सख्त है. भारत इसके खिलाफ रहा है, क्योंकि भारत में गरीब लोगों को कम कीमत में अनाज उपलब्ध कराने के लिए सरकारी योजनाएं चलाई जाती है. डब्ल्यूटीओ के कृषि मसौदे के खिलाफ भारत को 82 देशों का समर्थन हासिल है.

कोविड टीकों से संबंधित मसौदे पर आपत्ति

कोविड टीकों से संबंधित मसौदे पर भारत का कहना है कि गरीब देशों को महामारी से निपटने में मदद करने और टीकों के व्यापक निर्माण के लिए पेटेंट नियमों को आसान बनाने की जरूरत है. बड़ी संख्या में डब्ल्यूटीओ के सदस्य देश इससे सहमत हैं कि मध्यम और निम्न आय वाले देशों में इमरजेंसी यूज प्राधिकरण के साथ-साथ कोविड के टीकों और दवाओं के उत्पादन को बड़े पैमाने पर खोलने के लिए आईपीआर छूट का विकल्प चुनने पर आम सहमति होनी चाहिए. लेकिन, विकसित देशों और बड़ी दवा कंपनियों का कहना है कि कोविड टीकों के लिए आईपीआर को हटा देने से वैश्विक आपूर्ति की कमी को दूर करने में मदद नहीं मिलेगी. उनका दावा है कि पेटेंट छूट के लिए जो दबाव बनाया जा रहा है वो राजनीति से प्रेरित है.

12 जून से जिनेवा में शुरू होगी बैठक

विश्व व्यापार संगठन के रविवार से शुरू हो रहे 12वें मंत्रीस्तरीय सम्मेलन में भारतीय प्रतिनिधिमंडल की अगुआई वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल करेंगे. डब्ल्यूटीओ के शीर्ष निकाय मंत्रीस्तरीय सम्मेलन की चार-दिवसीय बैठक 12 जून से जिनेवा में शुरू होगी. यह बैठक चार वर्षों के अंतराल के बाद हो रही है, वह भी ऐसे वक्त जब यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध चल रहा है और वैश्विक आर्थिक स्थिति अनिश्चितताओं से भरी है. पिछली बार यह बैठक अर्जेंटिना में 2017 में हुई थी. एमसी 164 सदस्यीय डब्ल्यूटीओ की निर्णय लेने वाली सर्वोच्च संस्था है.

इन मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद

इस बैठक में मुख्य रूप से कोविड-19 को लेकर डब्ल्यूटीओ की प्रतिक्रिया, पेटेंट छूट, कृषि एवं खाद्य सुरक्षा, डब्ल्यूटीओ सुधार, प्रस्तावित फिशरीज सब्सिडाइज एग्रीमेंट के मुद्दों पर व्यापक चर्चा होने की उम्मीद है. इस सम्मेलन में भारत खाद्य सुरक्षा कार्यक्रमों के लिए सार्वजनिक भंडारण के मुद्दे के स्थायी समाधान पर जोर देगा. पीएसएच कार्यक्रम एक नीतिगत उपाय होता है जिसके तहत सरकार किसानों से चावल और गेहूं जैसी फसल न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीदती है और इसका भंडारण करके गरीबों में अनाज वितरित करती है. हालांकि, डब्ल्यूटीओ का कृषि पर समझौता एमएसपी पर अनाज खरीदने की सरकार की क्षमता को सीमित कर देता है.

Prabhat Khabar App: देश-दुनिया, बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस अपडेट, क्रिकेट की ताजा खबरे पढे यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए प्रभात खबर ऐप.

FOLLOW US ON SOCIAL MEDIA
Facebook
Twitter
Instagram
YOUTUBE

Next Article

Exit mobile version