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Yamuna Water Level: दिल्ली पर फिर मंडराया बाढ़ का खतरा, यमुना का जलस्तर खतरे के निशान के पार

केंद्रीय जल आयोग के एक अधिकारी के अनुसार, पुराने रेलवे ब्रिज के पास यमुना का जल स्तर मंगलवार दोपहर तीन बजे चेतावनी के निशान 204.50 मीटर को पार कर गया और रात 10 बजे तेजी से बढ़कर यह 205.39 मीटर तक पहुंच गया.

दिल्ली पर एक बार फिर से बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. ऐसा इसलिए क्योंकि यमुना का जलस्तर फिर से खतरे के निशान के पार पहुंच गया है. दो दिनों से लगातार हो रही मूसलाधार बारिश की वजह से दिल्ली में नदी का जलस्तर खतरे के निशान 205.33 मीटर को पार कर गया.

मंगलवार रात 205.39 मीटर तक पहुंच गया यमुना का जलस्तर

केंद्रीय जल आयोग के एक अधिकारी के अनुसार, पुराने रेलवे ब्रिज के पास यमुना का जल स्तर मंगलवार दोपहर तीन बजे चेतावनी के निशान 204.50 मीटर को पार कर गया और रात 10 बजे तेजी से बढ़कर यह 205.39 मीटर तक पहुंच गया. उन्होंने बताया कि बुधवार को इसके और बढ़ने का अनुमान है.

हथिनीकुंड बैराज में प्रवाह देर 27,000 क्यूसेक रिकॉर्ड किया गया

अधिकारी ने कहा, हालांकि, दिल्ली में नदी का जलस्तर निकासी अभियान शुरू करने के स्तर 206.00 मीटर तक नहीं बढ़ेगा, बशर्ते पहाड़ी क्षेत्रों में अधिक बारिश न हो. हरियाणा के यमुनानगर जिला स्थित हथिनीकुंड बैराज में प्रवाह देर रात नौ बजे लगभग 27,000 क्यूसेक रिकॉर्ड किया गया जो मानसून के मौसम के दौरान मध्यम माना जाता है.

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दिल्ली के कुछ स्थानों पर बाढ़ का खतरा

दिल्ली सरकार के सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि नदी के किनारे कुछ स्थानों पर निचले स्तर की बाढ़ आ सकती है लेकिन गंभीर स्थिति की आशंका नहीं है.

13 जुलाई को 208.66 मीटर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया था यमुना का पानी

दिल्ली को जुलाई के मध्य में अभूतपूर्व जलभराव और बाढ़ से जूझना पड़ा था. इतना ही नहीं, यमुना का जल 13 जुलाई को 208.66 मीटर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया था. दिल्ली में बाढ़ के कारण 27,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया था. बाढ़ के कारण करोड़ों का नुकसान हुआ है. नदी 10 जुलाई से लगातार आठ दिन तक खतरे के निशान 205.33 मीटर से ऊपर बहती रही. दिल्ली में यमुना के पास के निचले इलाके में लगभग 41,000 लोग रहते हैं. इन इलाकों को संवेदनशील माना जाता है.

हिमाचल प्रदेश में बारिश से भारी तबाही

हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश का दौर चल रहा है. इसके कारण कम से कम 56 लोगों की मौत हो चुकी है. हिमाचल के कृष्णानगर इलाके में भूस्खलन के बाद कम से कम आठ घर ढह गए और एक बूचड़खाना मलबे में दब गया. शिमला में ताजा भूस्खलन में दो शव बरामद किए गए. सोमवार से अब तक कुल 19 शव बरामद किए गए हैं, जिनमें से 12 समर हिल में शिव मंदिर स्थल से, पांच फागली में और दो कृष्णानगर में बरामद किए गए हैं. उन्होंने बताया कि शिव मंदिर स्थल पर अभी भी 10 से अधिक लोगों के फंसे होने की आशंका है. भारी बारिश को देखते हुए हिमाचल में आज तक स्कूल और कॉलेज को बंद कर दिया गया है.

उत्तराखंड में भी भारी बारिश

उत्तराखंड में भी भारी बारिश हो रही है. मदमहेश्वर में भारी बारिश में पुल ध्वस्त होने के कारण फंसे 52 श्रद्धालुओं को मंगलवार को राज्य आपदा प्रतिवादन बल (एसडीआरएफ) ने एक अभियान चलाकर सुरक्षित निकाल लिया. भूस्खलन तथा नदी में बहने की घटनाओं में लापता तीन और व्यक्तियों के शव बरामद किए गए.

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