यशवंत सिन्हा का आरोप : पैसे के बूते चलाया जा रहा ऑपरेशन कमल, विधायकों की खरीद-फरोख्त में जुटी है भाजपा
कमल भाजपा का चुनाव चिह्न है और हाल के वर्षों में विपक्षी दल ओर गैर भाजपा शासित राज्यों में सत्ता हासिल करने के लिए भाजपा पर ‘ऑपरेशन कमल' चलाने का आरोप लगाते रहे हैं. विपक्षी दल इस शब्द का इस्तेमाल सरकार बनाने के लिए दलबदल करने के भाजपा के कथित प्रयासों को बताने के लिए करते हैं.
भोपाल : राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष के साझा उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने सत्तारूढ़ भाजपा पर देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद के चुनाव में खरीद-फरोख्त करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल करने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) धनबल के बूते ऑपरेशन कमल चला रही है. उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल करने के लिए गैर-भाजपा विधायक के वोटों को खरीदा जा रहा है. उन्होंने कहा कि भाजपा को स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के परिणाम से डर लगता है.
क्या है ऑपरेशन कमल
बता दें कि कमल भाजपा का चुनाव चिह्न है और हाल के वर्षों में विपक्षी दल ओर गैर भाजपा शासित राज्यों में सत्ता हासिल करने के लिए भाजपा पर ‘ऑपरेशन कमल’ चलाने का आरोप लगाते रहे हैं. विपक्षी दल इस शब्द का इस्तेमाल सरकार बनाने के लिए दलबदल करने के भाजपा के कथित प्रयासों को बताने के लिए करते हैं. भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए ओडिशा की आदिवासी नेता और झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को अपना उम्मीदवार बनाया है. राष्ट्रपति पद के लिए इसी महीने की 18 तारीख को मतदान होगा.
कांग्रेस के 28 आदिवासी विधायकों पर भाजपा की नजर
कांग्रेस विधायकों से मध्य प्रदेश के भोपाल में मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत के दौरान विपक्ष के साझा उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने कहा कि मैंने आज सुबह गहरे दुख के साथ मध्य प्रदेश के एक प्रमुख अखबार में छपी खबर को शीर्षक के साथ पढ़ा, ‘भाजपा की नजर कांग्रेस के 28 जनजातीय विधायकों पर है, क्रॉस वोटिंग की तैयारी.’
गैर-भाजपा विधायकों को पेश की जा रही बड़ी रकम
यशवंत सिन्हा ने यह आरोप भी लगाया कि मैंने विश्वसनीय सूत्रों से यह भी सुना है कि राष्ट्रपति चुनाव में पार्टी के उम्मीदवार को वोट देने के लिए गैर- भाजपा विधायकों को बड़ी रकम की पेशकश की जा रही है. उन्होंने कहा कि इसका साफ मतलब है कि गणतंत्र के सर्वोच्च पद के चुनाव में भी अब ‘ऑपरेशन कमल’ लागू किया जा रहा है. इससे यह जाहिर होता है कि भाजपा एक स्वतंत्र और निष्पक्ष राष्ट्रपति चुनाव के परिणाम से डरती है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के आदिवासी विधायक और राज्य के पूर्व मंत्री उमंग सिंघार ने एक बैठक के दौरान साफ तौर पर कहा कि उन पर दबाव बनाया गया है. उन्होंने कहा कि देश में किस तरह की राजनीति हो रही है. राष्ट्रपति चुनाव को भूल जाइए.’
भाजपा ने क्रॉस वोटिंग के लिए कांग्रेसी विधायक से साधा संपर्क
राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के साझा उम्मीदवार यशवंत सिन्हा की यह टिप्पणी राजनीतिक गलियारों में इस चर्चा के बीच आई है, जिसमें यह कहा जा रहा है कि भाजपा के एक नेता ने क्रॉस वोटिंग के लिए कांग्रेस के आदिवासी विधायक उमंग सिंघार से संपर्क किया है. उन्होंने कहा कि शुरू से ही वे कहते रहे हैं कि यशवंत सिन्हा हारे हुए उम्मीदवार हैं और वे भारी जनादेश के साथ राष्ट्रपति चुनाव जीत रहे हैं. अगर ऐसा है तो आप चिंतित क्यों हैं? आप कांग्रेस के 28 आदिवासी विधायकों पर नजर रख रहे हैं और क्रॉस वोटिंग करने जा रहे हैं.’
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चुनाव आयोग से जांच कराने की मांग
उन्होंने आगे कहा, ‘तो मैं जो बात कह रहा हूं वह यह है कि राष्ट्रपति चुनाव सिर्फ चुनाव नहीं है, यह देश के भविष्य के लिए है.’ उन्होंने चुनाव आयोग और राज्यसभा के महासचिव (जो राष्ट्रपति चुनाव के लिए निर्वाचन अधिकारी हैं) से सत्तारूढ़ दल की कथित भ्रष्टाचार युक्त तरीकों की जांच करने का आग्रह किया है. पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ‘ऑपरेशन कमल’ का सही नाम ‘ऑपरेशन मल’ (गंदगी) है, क्योंकि यह सत्ताधारी दल के गंदे राजनीतिक भ्रष्टाचार का पर्याय बन गया है. इसका इस्तेमाल विपक्षी दलों में दल-बदल करने और यहां तक कि विपक्षी दलों द्वारा चलाई जा रही प्रदेश सरकारों को गिराने के लिए किया गया है.’