यशवंत सिन्हा ने द्रौपदी मुर्मू को दी चुनौती, बोले – रबर स्टाम्प राष्ट्रपति नहीं बनने का लें संकल्प

विपक्ष के साझा उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने कहा कि निर्वाचित होने पर वह संविधान के निष्पक्ष संरक्षक के तौर पर सेवा देंगे और सरकार के रबर स्टाम्प के तौर पर काम नहीं करेंगे तथा देश के बहुलवादी चरित्र की रक्षा करेंगे, लोगों के अधिकारों एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा करेंगे.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 5, 2022 8:46 AM
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नई दिल्ली : राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष के साझा उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने अपनी प्रतिद्वंद्वी और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) द्रौपदी मुर्मू को चुनौती दी है. उन्होंने द्रौपदी मुर्मू पर निशाना साधते हुए कहा कि वह यह संकल्प लें कि निर्वाचित होने के बाद वह एक रबर स्टाम्प राष्ट्रपति नहीं होंगी. इसके साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि वह देश में सांप्रद्रायिक ध्रुवीकरण के प्रयासों के खिलाफ बोलेंगी.

निर्वाचित होने पर संविधान के संरक्षक के तौर पर देंगे सेवा

विपक्ष के साझा उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने कहा कि निर्वाचित होने पर वह संविधान के निष्पक्ष संरक्षक के तौर पर सेवा देंगे और सरकार के रबर स्टाम्प के तौर पर काम नहीं करेंगे तथा देश के बहुलवादी चरित्र की रक्षा करेंगे, लोगों के अधिकारों एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा करेंगे. उन्होंने यह संकल्प भी व्यक्त किया कि राष्ट्रपति बनने पर वह राजद्रोह के कानून को निरस्त कराने के लिए काम करेंगे.

मैं नहीं बनूंगा सरकार का रबर स्टांप

पूर्व केंद्रीय मंत्री सिन्हा ने ट्विटर पर लिखा कि सभी भारतीय नागरिकों के लिए बेहतर भविष्य सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रपति को निष्ठापूर्वक काम करना चाहिए. मैं संकल्प लेता हूं कि राष्ट्रपति निर्वाचित होने पर मैं संविधान के निष्पक्ष संरक्षक के तौर पर सेवा करूंगा, सरकार का रबर स्टाम्प नहीं रहूंगा. मैं भाजपा उम्मीदवार (मुर्मू) से यह आग्रह करता हूं कि वह ऐसा संकल्प लें.

भाजपा ने समाज को बांटने के लिए चला रखा है दुष्प्रचार

यशवंत सिन्हा ने देश के लोगों के लिए अपना संकल्प पोस्ट करते हुए कहा, ‘मैं यह बात दोहराता हूं कि भारत को एक ऐसे राष्ट्रपति की जरूरत है, जो संविधान का निष्पक्ष संरक्षक हो और मौन या रबर स्टांप राष्ट्रपति नहीं हो. क्या भाजपा की उम्मीदवार भी ऐसा संकल्प लेंगी?’ राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष के उम्मीदवार ने यह आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ पक्ष ने देश के बहुत-धर्मी समाज को बांटने के लिए जहरीला सांप्रदायिक दुष्प्रचार चला रखा है.

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सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के खिलाफ बोलूंगा

विपक्ष के साझा प्रत्याशी सिन्हा ने यह भी कहा कि भारत के लोगों से मेरा वादा है कि मैं भारत के सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के किसी भी प्रयास के खिलाफ बोलूंगा. क्या भाजपा उम्मीदवार भी यह संकल्प करेंगी? उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रपति निर्वाचित होने पर वह संविधान में निहित नागरिकों के सभी अधिकारों की रक्षा करेंगे और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता एवं प्रेस की आजादी की रक्षा करेंगे. उन्होंने सवाल किया कि क्या भाजपा की उम्मीदवार भी ऐसा संकल्प लेंगी?

भाषा इनपुट

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