जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बहन रूबैया सईद विशेष अदालत के समक्ष पेश हुईं और यासीन मलिक तथा तीन अन्य की अपने अपहर्ताओं के रूप में शिनाख्त की. वकील अनिल केठी ने मीडिया को बताया कि सीबीआई जांच के दौरान उसे उपलब्ध कराई गई तस्वीरों के आधार पर सभी की पहचान की है. उन्होंने कहा कि सईद को अगली तारीख 23 अगस्त को कोर्ट में पेश होने के लिए कहा गया है.
Yes, she (Rubaiya Sayeed, sister of PDP chief Mehbooba Mufti) has been able to identify everyone on the basis of photographs that were made available to her during CBI investigation: Adv Anil Sethi when asked if Sayeed identified all her abductors, including Yasin Malik,from 1989 pic.twitter.com/JX0E7hDXB7
— ANI (@ANI) July 15, 2022
सीबीआई की तरफ से वकिल मोनिका कोहली ने कहा कि यह मामला 1989 का है. गवाह रूबैया सईद का बयान आज अदालत में दर्ज किया गया. उसने यासीन मलिक को पहचान लिया है. उसने कुल 4 आरोपियों की पहचान की है. बता दें कि यासिन मलिक के अलावा अपहरण मामले में मोहम्मद मीर, मोहम्मद जमां मीर, इकबाल अहमद, जावेद अहमद वीर, मोहम्मद रफीक, मंजूर अहमद सोफी वजाहत बशीर, मेहराज शेख और शौकत अहमद बख्शी भी आरोपित है.
1989 kidnapping case | The statement of witness Rubaiya Sayeed (sister of PDP chief Mehbooba Mufti) was recorded in court today. She has identified (Yasin Malik). 23rd August is the next date of hearing. She has identified 4 accused in total: Monica Kohli, CBI lawyer pic.twitter.com/tJFy1GoMKi
— ANI (@ANI) July 15, 2022
टाडा कोर्ट ने पिछले साल यासिन मलिक और अन्य को आरोपित करार दिया था. बहुचर्चित अपहरण मामले में कोर्ट ने रुबिया सईद के अलावा फेस्पी और डा. शहनाज के बयान को गवाहों के रूप में दर्ज कर रही है. इससे पहले बुधवार को यासीन मलिक ने विशेष अदलात में प्रार्थनापत्र दायर की थी. उसने कहा था कि अपहरण से जुड़े मामले में वह रुबिया सईद और अन्य गवाहों से खुद जरिह करना चाहता है. इस दौरान मलिक ने अनुमति नहीं मिलने पर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल करने की बात कही.
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रुबिया सईद से जुड़ा अपहरण का मामला 8 दिसंबर 1989 का है. अपहरणकर्ताओं ने रुबिया सईद को मुक्त करने के लिए जेकेएलएफ के 5 आतंकियों की रिहाई की मांग की थी. इस मामले को गंभिर बताते हुए तब कि वीपी सिंह सरकार ने रुबिया को मुक्त करने के बदले 5 आतंकियों की रिहाई का निर्देश दिया था. तब से साल 2019 तक मामला दबा रहा. यासीन मलिक की गिरफ्तारी के बाद एनआईए ने इस मामले को फिर से जिंदा किया.