Yasin Malik की सजा पर बोलीं रवि खन्ना की पत्नी- आतंकी हमलों के पीड़ितों के लिए न्याय है, मैं संतुष्ट नहीं

Yasin Malik Punishments: टेरर फंडिंग मामले में कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक को आज दिल्ली की एनआईए कोर्ट से उम्रकैद की सजा सुनाई है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 25, 2022 7:58 PM

Yasin Malik Punishments: टेरर फंडिंग मामले में कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक को आज दिल्ली की एनआईए कोर्ट से उम्रकैद की सजा सुनाई है. इस बीच वायुसेना के अधिकारी रहे रवि खन्ना की पत्नी निर्मल खन्ना का बयान भी सामने आया है, जिनके कत्ल में भी यासीन मलिक शामिल था. निर्मला खन्ना ने कहा कि 32 साल से ज्यादा का वक्त यासीन मलिक बिना किसी सजा के काट चुका है. इससे ज्यादा वह क्या राहत चाहता है.

यासीन को मिली सजा से निर्मला खन्ना संतुष्ट नहीं

न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, यासीन मलिक द्वारा किए गए आतंकी हमले के शिकार भारतीय वायुसेना के अधिकारी रवि खन्ना की पत्नी निर्मला खन्ना ने कहा कि यह उसके द्वारा किए गए आतंकी हमलों के पीड़ितों के लिए न्याय है. निर्मला खन्ना ने कहा कि कुछ लोग संतुष्ट हो सकते हैं, लेकिन मैं संतुष्ट नहीं हूं. क्योंकि, मैं अपने मामले में उनके लिए मौत की सजा चाहता हूं.


यासीन मलिक को ताउम्र जेल में ही रहना होगा

निर्मला खन्ना ने कहा कि जजों ने अपने विवेक से जो भी सजा सुनाई है मैं उसका स्वागत करती हूं. वे लोग मुझसे ज्यादा अच्छे से जानते हैं कि इस मामले में कौन सी सजा देनी चाहिए. बता दें कि यासीन मलिक को कुल नौ मामलों में सजा हुई है. उसे आईपीसी की धारा 121 और यूएपीए के तहत उम्रकैद की सजा दी गई है. साथ ही 10 साल कैद की भी चार सजाएं दी गई हैं. सभी सजाएं साथ चलेंगी और सबसे बड़ी सजा उम्रकैद की है. इस तरह यासीन मलिक को ताउम्र जेल में ही रहना होगा.

यासीन ने अपने खिलाफ लगाए सभी आरोपों को कबूला

दिल्ली की एक अदालत ने प्रतिबंधित संगठन जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) के चीफ यासीन मलिक को कड़े आतंकवाद रोधी कानून के तहत 19 मई को दोषी करार दिया था. मलिक ने अपने खिलाफ लगाये गये सभी आरोपों में दोष कबूल किया था. अदालत ने यासीन मलिक की सजा पर फैसला सुनाने के लिए मामले की सुनवाई 25 मई को निर्धारित की और आज मलिक को उम्रकैद की सजा सुनाई. अदालत ने मलिक पर 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया. विशेष न्यायाधीश प्रवीण सिंह ने गैर-कानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (UAPA) और भारतीय दंड संहिता (IPC) के तहत विभिन्न अपराधों के लिए अलग-अलग अवधि की सजा सुनाईं1 सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी.

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