Year Ender: हेमंत सरकार की सौर ऊर्जा नीति से Mission LIFE तक, climate change से निपटने की ये है तैयारी
Year Ender 2022: प्री बजट मीटिंग में झारखंड के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने केंद्र सरकार के सामने यह बात कही कि कोयला खदान पर्यावरण के लिए खतरा हैं. उन्होंने खनन क्षेत्रों में होने वाले स्वास्थ्य समस्याओं की जानकारी भी केंद्र सरकार को दी.
Year Ender 2022: क्लाइमेंट चेंज से संपूर्ण मानव जाति प्रभावित है. मानव के अस्तित्व पर खतरा उत्पन्न होने के बाद लोगों में जागरूकता बढ़ी है. वैश्विक स्तर पर प्रयास किये जा रहे हैं. अब जबकि साल 2022 समाप्त होने वाला है. यह समय है एक बार बैठकर विचार करने का कि यह साल कैसा रहा और आने वाला साल 2023 हमारे लिए कितना महत्वपूर्ण होगा. 2023 में हमें क्या महत्वपूर्ण करना होगा जिससे क्लाइमेंट चेंज से पूरी मानव जाति को कम से कम नुकसान हो. इसके लिए जरूरी है कि हम एकबार रिवाइंड करके देखें कि क्या इस साल बड़े कदम पर्यावरण के नजरिये से उठाये गये.
1. ऊर्जा संरक्षण विधेयक संसद से पारित
संसद ने ऊर्जा संरक्षण विधेयक को अपनी मंजूरी दे दी है. रिन्यूएबल एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए सरकार यह विधेयक लेकर आयी है. भारत सरकार लगातार स्वच्छ ऊर्जा की ओर बढ़ रही है. स्वच्छ ऊर्जा के जरिये बिजली उत्पादन का जो लक्ष्य निर्धारित किया गया है, उसे हमारे देश में समय से पहले पूरा किया जा रहा है.
2. झारखंड सरकार ने लागू की सौर ऊर्जा नीति
झारखंड सरकार ने पांच जुलाई को सौर ऊर्जा नीति लागू की. हालांकि इससे पहले भी झारखंड में सौर ऊर्जा नीति लागू की गयी थी, लेकिन वह सफल नहीं हो सकी थी. हेमंत सोरेन की सरकार ने दोबारा से सौर ऊर्जा नीति को लागू किया और 4000 मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य रखा है. साथ ही सौ सोलर विलेज बनाने की बात कही है. हालांकि इस नीति पर बहुत काम होता नजर नहीं आ रहा है. लेकिन उम्मीद की जानी चाहिए कि 2023 में इसपर सरकार इस ओर ठोस कदम उठायेगी.
3. कोयला खदान पर्यावरण के लिए खतरा
प्री बजट मीटिंग में झारखंड के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने केंद्र सरकार के सामने यह बात कही कि कोयला खदान पर्यावरण के लिए खतरा है. उन्होंने खनन क्षेत्रों में होने वाले स्वास्थ्य समस्याओं की जानकारी भी केंद्र सरकार को दी. ऐसे में यह उम्मीद की जानी चाहिए कि केंद्र सरकार खनन क्षेत्रों के लिए इस बजट में कुछ खास गाइडलाइन लेकर आये, ताकि पर्यावरण को कम से कम नुकसान हो.
4. झारखंड सरकार ने लाॅन्च की ई-व्हीकल पाॅलिसी
मोटरगाड़ियों से निकलने वाला धुआं भी पर्यावरण के लिए बहुत खतरनाक होता है और इससे प्रभावित होने वाले लोगों को स्वास्थ्य संबंधी कई परेशानियां होती हैं. इससे निजात दिलाने और स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने के सरकार ई-व्हीकल पाॅलिसी लेकर आयी है. इसमें ई-व्हीकल की खरीद पर कई तरह की सब्सिडी और ई-व्हीकल प्लांट लगाने पर छूट की योजना है.
5. COP27 में लिए गये कड़े निर्णय
क्लाइमेंट चेंज से दुनिया को बचाने और इसके लिए जिम्मेदार लोगों पर लगाम कसने के लिए इस बार संयुक्त राष्ट्र का जलवायु परिवर्तन सम्मेलन COP27 मिस्र में आयोजित किया गया. इस सम्मेलन में इस बात पर जोर दिया गया कि जो कंपनियां जलवायु परिवर्तन के लिए जिम्मेदार हैं, वे जुर्माना भरे. सम्मेलन में इस बात को कड़ाई से उठाया गया कि जलवायु परिवर्तन के खतरे से वे देश नहीं निपट पाते हैं जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं. ऐसे में कंपनियां जो जुर्माना भरेंगी उनसे इन देशों की सहायता की जायेगी.
6. 2025 तक खतरनाक स्तर पर पहुंचेगा ग्रीन हाउस गैस का उत्सर्जन
आईईए की रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है कि 2025 तक विश्व में ग्रीन हाउस गैस का उत्सर्जन खतरनाक स्तर तक पहुंचेगा. हालांकि यह बात भी सामने आयी है कि 2030 तक इसमें गिरावट दर्ज होगा. ऐसे में अगले साल हमारे सामने यह बड़ी चुनौती होगी की ग्रीन हाउस गैस के उत्सर्जन को कम किया जाये.
7. हरित हाइड्रोजन नीति
ऊर्जा विभाग ने साल 2022 में हरित हाइड्रोजन नीति की घोषणा की है. इस नीति के तहत साल 2030 तक प्रतिवर्ष 5 मिलियन टन हरित हाइड्रोजन उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है. गौरतलब है कि देश में हाइड्रोजन की जितनी मांग है उससे यह लक्ष्य 80 प्रतिशत अधिक है. इस नीति को लागू करके भारत हरित हाइड्रोजन नीति लागू करने वाला विश्व का 18वां देश बन गया है.
8. Mission LiFE को पीएम मोदी ने किया लाॅन्च
20 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मिशन लाइफ को लाॅन्च किया. इस मिशन का उद्देश्य है लोगों को पर्यावरण अनुकूल जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करना. पर्यावरण को बचाने में जबतक आम लोगों की भागीदारी नहीं होगी यह संभव नहीं हो पायेगा.