Year Ender 2022: इस साल सबसे ज्यादा चर्चा में रहें ये 10 सियासी चेहरे, जानें क्या थी वजह
Year Ender 2022: इस साल कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा को लेकर राहुल गांधी, गुजरात-हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर अरविंद केजरीवाल और महाराष्ट्र में सत्ता परिवर्तन को लेकर सीएम एकनाथ शिंदे भी सियासी गलियारों में चर्चा के केंद्र में रहे है.
Year Ender 2022: साल 2022 को गुजरने में सिर्फ कुछ ही दिन बाकी हैं. साल 2023 के लिए हम सब तैयार हैं. लेकिन, बीत रहे साल पर गौर करे तो भारत की राजनीति में कई उतार-चढ़ाव देखे गए. भारत में इस साल दो महिला नेताओं की भी खूब चर्चा रही. एक ओर जहां बीजेपी की पूर्व नेता नूपुर शर्मा पैगंबर मुहम्मद पर कुछ आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर सुर्खियों में रहीं, तो वहीं दूसरी ओर द्रौपदी मुर्मू पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति बन लोगों के दिलों में बस गईं. इनके अलावा, भारत जोड़ो यात्रा को लेकर राहुल गांधी, गुजरात-हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर अरविंद केजरीवाल और महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे भी सियासी गलियारों में चर्चा में बने रहें. सालभर चर्चा में बने रहे इन चुनिंदा नेताओं के बारे में विस्तार से जानते है कि वे क्यों सुर्खियों में रहें.
द्रौपदी मुर्मू
देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भारत में गूगल पर सबसे अधिक सर्च की जाने वाली हस्तियों में से एक हैं. द्रौपदी मुर्मू आदिवासी समुदाय से संबंधित पहली व्यक्ति और भारत की राष्ट्रपति बनने वाली दूसरी महिला बनीं. उन्होंने 25 जुलाई 2022 को 15वीं राष्ट्रपति पद की शपथ ली. अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति के पद तक पहुंचना, मेरी व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है, ये भारत के प्रत्येक गरीब की उपलब्धि है. मेरा निर्वाचन इस बात का सबूत है कि भारत में गरीब सपने देख भी सकता है और उन्हें पूरा भी कर सकता है. ओडिशा के आदिवासी समुदाय से संबंध रखने वालीं द्रौपदी मुर्मू का नाम राष्ट्रपति के लिए बीजेपी ने प्रस्तावित किया था.
नूपुर शर्मा
इस साल भारत की सबसे अधिक विवादास्पद महिलाओं में नूपुर शर्मा का नाम भी शामिल हैं. 2022 के गूगल सर्च इंडिया में नूपुर शर्मा को लोगों ने बड़े पैमाने पर सर्च किया. दरअसल, नूपुर शर्मा पैगंबर मुहम्मद पर अपनी विवादास्पद टिप्पणी के लिए लोगों के निशाने पर आईं और उन्हें जान से मारने की धमकियों का सामना करना पड़ा. उनकी टिप्पणियों की खाड़ी देशों ने भी आलोचना की. इसके मद्देनजर, बीजेपी ने उन्हें निलंबित कर दिया. भारत के सुप्रीम कोर्ट ने भी उनकी आलोचना की. हालांकि, नूपुर शर्मा ने अपने बयान की माफी मांगी.
एकनाथ शिंदे
महाराष्ट्र सरकार को संकट में डाल चर्चा में आए एकनाथ शिंदे एकनाथ शिंदे को इस साल गूगल पर लाखों लोगों ने सर्च किया. एकनाथ शिंदे तब सुर्खियां में आए, जब उन्होंने महाराष्ट्र सरकार को संकट में डाल दिया था. एकनाथ शिंदे ने पार्टी के दो-तिहाई से अधिक सदस्यों को इकट्ठा किया और शिवसेना-कांग्रेस-एनसीपी की महा विकास अघाड़ी (MVA) सरकार को गिरा दिया. इसके बाद, उद्धव ठाकरे ने आखिरकर मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया और एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के सीएम बने.
अरविंद केजरीवाल
दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के लिए वर्ष 2022 सबसे यादगार रहा है. वर्ष 2013 के बाद अरविंद केजरीवाल ने पहली बार चुनाव प्रचार का नेतृत्व किया और दिल्ली में कांग्रेस सरकार को उखाड़ फेंककर इतिहास रचा था. वहीं, हाल ही में गुजरात विधानसभा चुनाव और दिल्ली नगर निगम चुनाव में आम आदमी पार्टी ने अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन किया. पीएम मोदी के गृह राज्य गुजरात में 5 विधानसभा सीटें जीतने के बाद 2022 में केजरीवाल की AAP राष्ट्रीय पार्टी बन गई और 13 फीसदी वोट शेयर भी अपने हिस्से कर लिया, जो एक बड़ा आश्चर्य था. वहीं, दिल्ली एमसीडी चुनाव में आम आदमी पार्टी ने नगर निकाय में बीजेपी के 15 साल के प्रभुत्व को समाप्त कर दिया. उन्होंने अपनी पार्टी के लिए पैठ बनाने की कोशिश में कई राज्यों का दौरा भी किया. उन्हें केरल और तमिलनाडु के सीएम के साथ देखा गया था.
मनीष सिसोदिया
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के लिए साल 2022 काफी घटनापूर्ण रहा है. अगस्त में न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट में उनका उल्लेख किया गया था, जिसमें राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में उनके शिक्षा मॉडल की प्रशंसा की गई थी. वहीं, दिल्ली शराब नीति (Delhi Liquor Policy) में कथित अनियमितताओं को लेकर मनीष सिसोदिया के आवास पर सीबीआई ने छापा मारा था. एक प्राथमिकी में उनका नाम 15 अन्य आरोपियों में शामिल था, लेकिन चार्जशीट में उनके नाम का उल्लेख नहीं किया गया था. बाद में मनीष सिसोदिया ने इसे अपनी जीत बताया था. दिल्ली एमसीडी चुनाव (Delhi MCD Polls 2022) के दौरान मनीष सियोदिया बीजेपी नेताओं के हमलों के केंद्र में रहे. हालांकि, दिल्ली में मनीष सिसोदिया का प्रभाव बरकरार रहा, जो एमसीडी चुनाव परिणामों में परिलक्षित हुआ, जिसमें उनकी पार्टी AAP ने बीजेपी को हराया.
भगवंत मान
साल 2022 आम आदमी पार्टी के नेता भगवंत मान के लिए ही नहीं, बल्कि पंजाब की राजनीति के लिए भी बेहद खास रहा. भगवंत मान के नेतृत्व वाली आप ने पंजाब में सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार को हराकर इतिहास रच दिया. आप को दिल्ली के बाद पंजाब में अपनी पहली पूर्ण सरकार मिली. कॉमेडियन से राजनेता बने भगवंत मान को सियासी गलियारों में कमतर आंका गया था, लेकिन 2022 में उन्होंने पंजाब के दूर-दराज के गांवों में व्यापक यात्रा की और उन्हें आश्वस्त किया कि वह एक ऐसे व्यक्ति हैं, जो पंजाब को नशा मुक्त बना सकते हैं तथा किसानों के मुद्दों को भी हल कर सकते हैं. भगवंत मान के राज्याभिषेक ने आप कार्यकर्ताओं को प्रेरित किया और वे अपनी पार्टी के पोस्टर बॉय बन गए. भगवंत मान ने गुजरात, हिमाचल और दिल्ली में चुनावों में भी प्रचार किया, जिसमें हिमालयी राज्य को छोड़कर पार्टी ने अन्य जगहों पर अच्छा प्रदर्शन किया
नीतीश कुमार
साल 2022 जदयू नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को एक और यू-टर्न के लिए याद किया जाएगा. उन्होंने अपनी ही सरकार से इस्तीफा दे दिया और बिहार में एक बार फिर से आरजेडी के साथ मिलकर सरकार का गठन किया. नीतीश कुमार के पाला बदलने के हथकंडे से बिहार का राजनीतिक समीकरण पूरी तरह से बदल गया है. बाद में उन्होंने दुश्मन से दोस्त बने तेजस्वी यादव को अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी घोषित कर सबको चौंका दिया. नीतीश कुमार ने यह भी घोषणा की कि वह आगामी चुनावों में किसी भी पद के दावेदार नहीं हैं, जिसे तेजस्वी यादव के उत्थान के संकेत के तौर देखा जाने लगा. उन्होंने बीजेपी को हराने का संकल्प भी लिया है.
राहुल गांधी
कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी 2019 में अपने निर्वाचन क्षेत्र अमेठी में मिली हार के बाद से अपने चुनावी भाग्य का इंतजार कर रहे हैं. कांग्रेस नेतृत्व के पूर्ण समर्थन होने के बावजूद राहुल गांधी कई मौकों पर विफल रहे. हालांकि, साल 2022 उनके लिए मिला-जुला रहा है. कांग्रेस ने इस वर्ष भारत जोड़ो यात्रा शुरू की है, जिसका नेतृत्व राहुल गांधी कर रहे है. जाहिरा तौर पर ब्रांड राहुल गांधी को फिर से लॉन्च करने के लिए कांग्रेस ने यह कदम उठाया है. फिलहाल, राहुल गांधी 3,570 किलोमीटर पैदल मार्च का नेतृत्व कर रहे हैं और इस यात्रा को अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है, जिसे कांग्रेस पार्टी के पुनरुत्थान के रूप में देख रही है. राहुल गांधी तब भी सुर्खियों में आए जब ईडी ने उनसे नेशनल हेराल्ड मामले में कई बार पूछताछ की. पूरे साल राहुल गांधी आरएसएस और मोदी सरकार पर कई मुद्दों को लेकर निशाना साधते रहे.
अशोक गहलोत
अशोक गहलोत कांग्रेस के सबसे कद्दावर नेताओं की सूची में शामिल है. साल 2022 में अशोक गहलोत कई वजहां से सुर्खियों में रहे हैं. इस वर्ष संपन्न कराए गए कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव से पहले राहुल गांधी ने जब पार्टी में एक व्यक्ति-एक पद की नीति पर जोर दिया, तो इस पद के लिए दावेदारों में से एक अशोक गहलोत ने राजस्थान के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने से इनकार कर दिया और सचिन पायलट को अगला सीएम बनाने की आलाकमान की इच्छा के खिलाफ अपने विधायकों को कथित रूप से उकसाया. पार्टी आलाकमान की कड़ी चेतावनी के बावजूद, उन्होंने कभी भी अपने पार्टी सहयोगी और प्रतिद्वंद्वी सचिन पायलट को निशाना बनाने से परहेज नहीं किया. खुले तौर पर बगावती तेवर दिखाने के बाद भी पार्टी उन पर निर्भर है, क्योंकि उन्होंने संकटमोचक की अपनी भूमिका बरकरार रखी है.
मल्लिकार्जुन खरगे
2022 में कांग्रेस में नए युग की शुरुआत हुई और पार्टी को 24 साल बाद गैर-गांधी अध्यक्ष मिला है. कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव में पार्टी के बॉस चुने गए गए मल्लिकार्जुन खरगे ने कांग्रेस की कमान संभाल ली है. खरगे के अध्यक्ष बनते ही सोनिया गांधी ने कहा था कि पहले भी कांग्रेस पार्टी के सामने कई तरह की चुनौतियां आईं और पार्टी उनसे सफलतापूर्वक बाहर आई है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस जिम्मेदारियों से मुक्त होकर आज काफी राहत महसूस कर रही हूं. बताते चलें कि खरगे गांधी परिवार के भरोसेमंद माने जाते हैं. इसका समय-समय पर उनको इनाम भी मिला. साल 2014 में खरगे को लोकसभा में पार्टी का नेता बनाया गया. लोकसभा चुनाव 2019 में हार के बाद कांग्रेस ने उन्हें 2020 में राज्यसभा भेज दिया. 2021 में गुलाम नबी आजाद का कार्यकाल खत्म हुआ, तो खरगे को राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष बना दिया गया.