लखनऊ : उत्तर प्रदेश की योगी सरकार प्रदेश की तीर्थ कांवड़ यात्रा को रद्द करने के लिए कांवर संघों से संपर्क साध रही है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने कोरोना महामारी के बीच कांवड़ यात्रा की अनुमति दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को अपने फैसले पर पुनर्विचार करने की बात कही है. इसके बाद योगी सरकार कांवड़ संघों से संपर्क कर रही है.
SC asks Uttar Pradesh government to consider not holding even “symbolic” Kanwar Yatra in state in view of COVID-19
— Press Trust of India (@PTI_News) July 16, 2021
यूपी सरकार के सूत्रों ने कहा है कि तीर्थयात्रा को स्थगित करने की घोषणा कांवड़ संघों के जरिये की जायेगी. कोरोना महामारी की संभावित तीसरी लहर को लेकर कांवड़ संघों से बातचीत की जा रही है. मालूम हो कि पिछले साल भी कांवड़ संघों ने तीर्थ कांवड़ यात्रा रद्द करने की घोषणा की थी.
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस आरएफ नरीमन ने स्वास्थ्य और जीवन के अधिकार को सर्वोपरि बताते हुए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार से कांवड़ यात्रा की अनुमति देने फैसले पर पुनर्विचार करने को कहा है. उन्होंने कहा कि ”कोविड-19 के मद्देनजर राज्य में ‘प्रतीकात्मक’ कांवर यात्रा भी आयोजित नहीं करने पर विचार करने को कहा.” साथ ही कहा कि हम सभी भारत के नागरिक हैं. अनुच्छेद 21 (जीवन का अधिकार) सभी पर लागू होता है.
मालूम हो कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश के आलाधिकारियों उच्च स्तरीय बैठक कर कांवड़ यात्रा को स्थगित करने की घोषणा कर चुकी है. उन्होंने कहा था कि ”हरिद्वार को कोरोना का हॉटस्पॉट बनाने में हमारी मंशा नहीं है. लोगों की जान को हम जोखिम में नहीं डालना चाहते. इसीलिए कांवड़ यात्रा रद्द करने का फैसला किया गया है.
गौरतलब हो कि प्रदेश में पिछले 24 घंटे में कोरोना संक्रमण के 88 नये मामले प्रकाश में आये हैं. वहीं, 140 संक्रमित व्यक्तियों को सफल उपचार के बाद डिस्चार्ज किया गया है. वर्तमान में प्रदेश में कोरोना के संक्रिय मामलों की संख्या 1,339 है. जबकि, राज्य में कोरोना संक्रमण की रिक