Delhi Violence : ‘आप गायों की रक्षा के लिए कुछ भी कर सकते हैं किंतु मनुष्यों के लिए नहीं’ दिल्ली हिंसा पर कपिल सिब्बल
दिल्ली में पिछले माह हुई हिंसा को लेकर राज्यसभा में गुरुवार को विपक्ष ने सत्तारूढ़ भाजपा पर ‘सांप्रदायिक वायरस' फैलाने का आरोप लगाया तथा इस घटना की न्यायिक जांच कराने की मांग की. साथ ही, विपक्ष ने आशंका जतायी कि सरकार द्वारा घोषित विशेष जांच दल (एसआईटी) की जांच में कहीं पीड़ितों को ही आरोपी न बना दिया जाए
नयी दिल्ली : दिल्ली में पिछले माह हुई हिंसा को लेकर राज्यसभा में गुरुवार को विपक्ष ने सत्तारूढ़ भाजपा पर ‘सांप्रदायिक वायरस’ फैलाने का आरोप लगाया तथा इस घटना की न्यायिक जांच कराने की मांग की. साथ ही, विपक्ष ने आशंका जतायी कि सरकार द्वारा घोषित विशेष जांच दल (एसआईटी) की जांच में कहीं पीड़ितों को ही आरोपी न बना दिया जाए
दिल्ली के कुछ भागों में हाल की कानून और व्यवस्था की स्थिति की चर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने आरोप लगाया कि जब दिल्ली जल रही थी तो प्रधानमंत्री 70 घंटे तक चुप रहे तथा पुलिस सबूतों को नष्ट करने और दंगाइयों की मदद करने में व्यस्त थी.
सदन में मौजूद गृह मंत्री अमित शाह से सवाल करते हुए सिब्बल ने कहा कि नफरत फैलाने के भाषण देने वालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज क्यों नहीं की गयी. उन्होंने दावा किया इन भाषणों के कारण दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा को कथित रूप से भड़काया गया.
उन्होंने भारतीय संविधान का उल्लेख करते हुए सरकार से कहा, ‘आप गायों की रक्षा के लिए कुछ भी कर सकते हैं किंतु मनुष्यों के लिए नहीं. क्या हमें मनुष्यों की रक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक और अनुच्छेद लाने की जरूरत है.
उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस बल के पास 87 हजार कर्मी हैं किंतु दुर्भाग्यवश दंगों पर काबू नहीं पाया जा सका. सिब्बल ने यह भी आरोप लगाया कि गृह मंत्री अमेरिका से आये राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सुरक्षा में लगे हुए थे और उन्होंने दिल्ली में दंगों को रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया.
उन्होंने कहा कि इस फसाद में जान गंवाने वाले 53 लोगों में से 34 एक समुदाय के थे. उन्होंने कहा कि सामाजिक तानेबाने को नुकान पहुंचाने वाले जिन तत्वों ने हिंसा फैलायी, उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने में देरी क्यों की जा रही है.