नई दिल्ली : इस बार देश के लोगों को गर्मी से जल्द ही राहत मिलने की उम्मीद है. मौसम विभाग के अनुमान पर अगर भरोसा करें, तो केरल में दक्षिण-पश्चिम मानसून समय से पहले 31 मई तक पहुंच सकता है. हालांकि, आम तौर पर इस राज्य में मानसून एक जून के बाद ही आता है, लेकिन इस साल समय से पहले आने का अनुमान जाहिर किया जा रहा है.
मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, इस साल केरल में दक्षिण-पश्चिम मानसून 31 मई को पहुंच सकता है. भारतीय मानसून क्षेत्र में बरसात के शुरुआती दिनों में अंडमान सागर से बारिश शुरू होती है. इसके बाद मानसूनी हवाएं उत्तर-पश्चिम दिशा में बंगाल की खाड़ी की ओर आगे बढ़ जाती है. हालांकि, अनुमान यह भी जाहिर किया जा रहा है कि मौसम विभाग की ओर से जो तारीख निर्धारित की गई है, दो-चार दिन कम या दो-चार दिन ज्यादा हो सकता है.
मानसून की नई सामान्य तारीखों के मुताबिक, दक्षिण-पश्चिम मानसून 22 मई के आसपास अंडमान सागर में पहुंचेगा. अरब सागर के ऊपर चक्रवात बनने के आसार हैं. ऐसे में सागर के ऊपर भूमध्यरेखा से गुजरने वाली दक्षिण-पछुआ हवाएं तेज हो गई हैं. भूमध्यरेखा से गुजरने वाली हवाओं के 20 मई से बंगाल की खाड़ी में मजबूत और तेज होने के आसार हैं.
इसके साथ ही, आगामी 21 मई से बंगाल की खाड़ी तथा अंडमान निकोबार द्वीपसमूह में बारिश होने का अनुमान जाहिर किया जा है. ऐसे में अनुमान यह लगाया जा रहा है कि आगामी 21 मई से मानसून अंडमान निकोबार द्वीपसमूह में आ सकता है. मौसम विभाग ने इस साल दक्षिण-पश्चिम मानसून के सामान्य रहने का अनुमान जताया है. देश में 75 फीसदी बरसात दक्षिण-पश्चिम मानसून की वजह से ही होती है.
बताते चलें कि फिलहाल देश में चक्रवाती तूफान आने का भी खतरा मंडरा रहा है. भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, अरब सागर में बने दबाव के क्षेत्र के 17 मई को अत्यंत भीषण चक्रवाती तूफान में तब्दील होने और एक दिन बाद इसके गुजरात तट को पार करने की संभावना है. मौसम स्थिति गहरे दबाव के क्षेत्र में तब्दील हो गई है और इसके शनिवार सुबह तक चक्रवाती तूफान ‘तौकते’ में तब्दील होने की संभावना है. फिर इसके शनिवार रात तक अत्यंत भीषण चक्रवाती तूफान में तब्दील होने की संभावना है.
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Posted by : Vishwat Sen