आप भी लड़ सकते हैं राष्ट्रपति चुनाव, उम्मीदवार को 50 सांसद, विधायक समर्थक और 50 अनुमोदक चाहिए
President Chunav 2022: भारत में कोई भी व्यक्ति राष्ट्रपति चुनाव लड़ सकता है. हां, इसकी कुछ शर्तें रखी गयीं हैं, जिसको पूरा करना होगा. इस बार 18 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव के लिए संसद और राज्यों की विधानसभाओं में वोटिंग होगी. 21 जुलाई तो मतगणना करायी जायेगी. उसी दिन देश को नया राष्ट्रपति मिल जायेगा.
President Chunav 2022: निर्वाचन आयोग ने 16वें राष्ट्रपति चुनाव (President Election 2022) की प्रक्रिया को गति देते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि इस शीर्ष संवैधानिक पद के लिए चुनाव लड़ने की आकांक्षा रखने वाले किसी भी व्यक्ति को प्रस्तावक के तौर पर 50 सांसद, विधायक और अनुमोदक के तौर पर 50 अन्य की जरूरत होगी.
इस कदम का उद्देश्य इस चुनाव से गैर गंभीर उम्मीदवारों को बाहर करना है, जिनमें से एक बार कुल 37 उम्मीदवारों में से 36 के नामांकन रद्द हो गये थे. इसके अलावा उम्मीदवार को जमानत राशि के तौर पर 15,000 रुपये जमा करने होंगे. जमानत राशि 2,500 रुपये से बढ़ाकर 1997 में 15,000 रुपये कर दी गयी, जब प्रस्तावकों और अनुमोदकों की कुल संख्या पहले से 10-10 बढ़ गयी.
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चुनाव लड़ने के लिए जरूरी योग्यता
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उम्मीदवार भारत का नागरिक होना चाहिए
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उम्मीदवार की उम्र 35 वर्ष पूरी हो चुकी हो
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संसद के निचले सदन (लोकसभा) का चुनाव लड़ने की अर्हता रखता हो
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50 सांसद-विधायक का समर्थन हो
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50 अनुमोदक होना जरूरी है
पांच साल का होता है राष्ट्रपति का कार्यकाल
राष्ट्रपति का कार्यकाल पांच वर्ष का होता है. निर्वाचन आयोग के अनुसार, कोई व्यक्ति राष्ट्रपति का चुनाव लड़ने के लिए योग्य नहीं माना जायेगा, यदि वह भारत सरकार या किसी राज्य सरकार के तहत या राज्य सरकारों के नियंत्रण में आने वाले किसी स्थानीय या अन्य प्राधिकार में लाभ के पद पर हो.
हालांकि, कोई व्यक्ति सिर्फ इस कारण से लाभ के पद पर नहीं माना जायेगा कि वह केंद्र में राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति है या किसी राज्य का राज्यपाल है या केंद्रीय या किसी राज्य सरकार में मंत्री पद पर है. भारत में 18 जुलाई को 16वां राष्ट्रपति चुनाव होगा, जबकि पहला चुनाव 1952 में हुआ था.
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पहले पांच चुनाव के अनुभव
प्रथम पांच चुनावों के अनुभव से यह प्रदर्शित होता है कि जीतने की दूर-दूर तक कोई गुंजाइश नहीं होने के बावजूद राष्ट्रपति पद के लिए कुछ लोगों ने खुद को उम्मीदवार के तौर पर पेश किया. उल्लेखनीय है कि सातवें चुनाव में 1977 में कुल 37 उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र दाखिल किये थे. हालांकि, नामांकन पत्रों की जांच के दौरान 36 उम्मीदवारों के नामांकन खारिज हो गये और सिर्फ एक नामांकन पत्र वैध पाया गया, जो नीलम संजीव रेड्डी का था.
चिंता का एक अन्य विषय वह तरीका है, जिसके तहत कुछ लोगों ने राष्ट्रपति पद के चुनाव को चुनौती देने के लिए अदालत का रुख किया. इसलिए, किसी संभावित उम्मीदवार के लिए यह अनिवार्य कर दिया गया है कि उसके नामांकन पत्र के लिए कम से कम 50 प्रस्तावक और कम से कम 50 अनुमोदक हों.
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4,809 लोग चुनेंगे भारत का नया राष्ट्रपति
आगामी चुनाव में 4,809 निर्वाचक होंगे, जिनमें 776 सांसद और 4,033 विधायक होंगे. इनमें 223 राज्यसभा सदस्य और लोकसभा के 543 सदस्य शामिल हैं. किसी उम्मीदवार द्वारा या उसकी ओर से चार नामांकन पत्र से अधिक दाखिल नहीं किये जा सकते या चुनाव अधिकारी द्वारा प्राप्त नहीं किया जायेगा. चुनाव याचिका, नतीजे घोषित होने के 30 दिनों के अंदर सुप्रीम कोर्ट में दायर की जा सकती है. इसे कोई उम्मीदवार या 20 या इससे अधिक निर्वाचक मिलकर याचिकाकर्ता के तौर पर दायर कर सकते हैं.
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