Black Fungus: सिर्फ स्टेरॉयड्स नहीं है ब्लैक फंगस का कारण, जिंक का अधिक इस्तेमाल भी बढ़ा रहा है म्यूकरमाइकोसिस, जानिए क्या कहता है शोध

Black fungus, Mucormycosis, zinc supplements: देश में म्यूकरमाइकोसिस या ब्लैक फंगस का संकट सिर्फ डायबिटीज के मरीजों द्वारा स्टेरॉयड्स के इस्तेमाल से पैदा नहीं हो रहा है, बल्कि डॉक्टरों का कहना है कि एंटिबायोटिक्स से लेकर जिंक सप्लीमेंट्स और आयरन टैबलेट्स तक का ज्यादा उपयोग भी इसकी बड़ी वजह हो सकती है.

By Prabhat Khabar News Desk | May 26, 2021 9:10 AM

Black fungus, Mucormycosis, zinc supplements: देश में म्यूकरमाइकोसिस या ब्लैक फंगस का संकट सिर्फ डायबिटीज के मरीजों द्वारा स्टेरॉयड्स के इस्तेमाल से पैदा नहीं हो रहा है, बल्कि डॉक्टरों का कहना है कि एंटिबायोटिक्स से लेकर जिंक सप्लीमेंट्स और आयरन टैबलेट्स तक का ज्यादा उपयोग भी इसकी बड़ी वजह हो सकती है. बांद्रा स्थित लीलावती अस्पताल के सीनियर एंडोक्राइनोलॉजिस्ट शशांक जोशी ने कहा कि प्राथमिक कारण तो स्टेरॉयड्स का इस्तेमाल और डाइबिटीज ही है.

डॉ जोशी भारत में ब्लैक फंगस के केस में अचानक उछाल पर शोध पत्र तैयार कर रहे हैं. आइएमए के पूर्व अध्यक्ष डॉक्टर राजीव जयदेवन ने लिखा है कि शरीर में जिंक और आयरन की मौजूदगी ब्लैक फंगस का कारण बनने वाली फंगी को बढ़ने का मौहाल प्रदान करती है. साथ ही उन्होंने कहा कि ठोस जवाबों के लिए जिंक और म्यूकरमाइकोसिस के बीच कड़ी की जांच होनी चाहिए. दशकों से हो रहे शोध के नतीजे बताते हैं कि मेटल जिंक फंगस और खासकर म्यूकरमाइसीट्स को बढ़ावा देने का कारक बनते हैं.

अध्ययनों में यह भी पाया गया है कि जिंक के अभाव में फंगस जिंदा नहीं रह सकते. मार्च 2020 में, जब भारत में कोविड-19 महामारी शुरू हुई, तब से जिंक सप्लीमेंट पसंदीदा इम्यूनिटी बूस्टर बना हुआ है. यही कारण है कि पिछले साल देश में यह सबसे ज्यादा बिकने वाली दवाओं में शामिल रहा. अब डॉक्टर पुराने रिसर्च पेपर्स, थ्योरीज और नंबर्स सोशल मीडिया पर शेयर करके दावा कर रहे हैं कि म्यूकरमाइकोसिस के आउटब्रेक के पीछे कहीं-न-कहीं जिंक सप्लीमेंट का ही हाथ है.

स्टेरॉयड का गलत डोज बढ़ा देता है जोखिमः नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल भी कह चुके हैं कि कोविड-19 के उपचार में स्टेरॉयड के तर्कहीन इस्तेमाल को बंद करने से इस बीमारी से बचा जा सकता है. उन्होंने कहा कि म्यूकरमाइकोसिस में स्टेरॉयड की भूमिका से इनकार नहीं किया जा सकता. पहले से ही स्टेरॉयड देना, स्टेरॉयड के ज्यादा डोज देना और लंबे समय तक स्टेरॉयड देना तर्कहीन है. पॉल ने कहा कि स्टेरॉयड कोविड-19 के इलाज में मददगार है और इसे चमत्कारी दवा भी कहा जा रहा है, लेकिन गलत डोज ब्लैक फंगस के जोखिम को बढ़ा देता है.

भारत में कोविड पीड़ितों को दी जा रहीं बहुत ज्यादा दवाइयाः आइएमए के पूर्व अध्यक्ष डॉक्टर राजीव जयदेवन ने कहा कि पश्चिमी देशों में कोविड पीड़ितों में बुखार नियंत्रित रखने के लिए आम तौर पर पारासिटामोल का इस्तेमाल किया जा रहा है. लेकिन भारत में हल्के लक्षणों वाले कोविड मरीज को पांच से सात दवाइयां दी जा रही हैं. हम पारासिटामोल के साथ-साथ विटामिन सप्लीमेंट्स, डॉक्सिसिलीन जैसा कोई एंटिबायोटिक और आइवरमेक्टिन जैसा एक एंटि-पारासाइटिक का उपयोग कर रहे हैं. उसके बाद भी भाप, काढ़ा और ना जाने-जाने कौन-कौन से घरेलू उपचार का सहारा लिया जा रहा है.

Posted by: Pritish Sahay

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