12 साल से अधिक उम्र के बच्चों के लिए पहली स्वदेशी कोरोना वैक्सीन, इमरजेंसी इस्तेमाल की मिली मंजूरी

वैक्सीन को 0, 28 और 56 दिनों में तीन डोज के रूप में लगाया जायेगा. यह प्लास्मिड डीएनए प्लेटफॉर्म पर विकसित पहला कोविड वैक्सीन होगा.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 21, 2021 7:40 AM

नयी दिल्ली : कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के बीच भारत में 12 साल से अधिक उम्र के किशोरों और वयस्कों के लिए पहले कोरोना वैक्सीन को मंजूरी मिली है. गुजरात स्थित जायडस कैडिला की तीन-खुराक वाली कोविड-19 वैक्सीन को शुक्रवार को वयस्कों और 12 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों में उपयोग के लिए भारत के ड्रग कंट्रोलर ने मंजूरी दी है. यह भारत में किशोर आबादी को दिया जाने वाला पहला टीका बन गया.

केंद्रीय दवा नियामक द्वारा वैक्सीन को मंजूरी देने के साथ ही Zydus Cadila का ZyCoV-D दुनिया में कहीं भी व्यावसायिक रूप से पेश किये जाने वाले प्लास्मिड डीएनए प्लेटफॉर्म पर विकसित पहला कोविड वैक्सीन होगा. जैव प्रौद्योगिकी विभाग के साथ साझेदारी में संयुक्त रूप से विकसित वैक्सीन ने तीसरे चरण के नैदानिक परीक्षणों में 66.66 प्रतिशत की प्राथमिक प्रभावकारिता का प्रदर्शन किया था.

यह किशोर आबादी में परीक्षण किया जाने वाला भारत में पहला कोविड-19 वैक्सीन था, जो कि 12-18 वर्ष के आयु वर्ग में किया गया था. शुक्रवार को भारत के ड्रग कंट्रोलर ने एक ट्वीट में कहा कि विषय विशेषज्ञ समिति के परामर्श से अंतरिम चरण III के नैदानिक ​​​​परीक्षणों के परिणामों का मूल्यांकन करने के बाद ZyCoV-D को भारत में 12 प्लस की आबादी पर आपातकालीन स्थिति में प्रतिबंधित उपयोग के लिए मंजूरी दे दी है.

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नियामक ने बताया कि वैक्सीन को 0, 28 और 56 दिनों में तीन डोज के रूप में लगाया जायेगा. जबकि टीके को किशोर आबादी में उपयोग के लिए अनुमोदित किया गया है, यह सरकार पर निर्भर है कि वह इस आयु वर्ग के लिए टीकाकरण अभियान शुरू करती है या नहीं. अब तक, तीन टीके हैं जिनका उपयोग भारत के टीकाकरण अभियान में किया जा रहा है.

सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया का कोविशील्ड, भारत बायोटेक का कोवैक्सिन और रूस का स्पुतनिक V का टीका लोगों को लगाया जा रहा है. मॉडर्न का एमआरएनए वैक्सीन और जॉनसन एंड जॉनसन द्वारा विकसित एकल-खुराक वैक्सीन को भी इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिली है. लेकिन इन दोनों का उपयोग अभी टीकाकरण के लिए नहीं किया जा रहा है.

अक्टूबर में आ जायेगी जायडस कैडिला की वैक्सीन

शीर्ष सरकारी सूत्रों ने कहा कि जाइडस डीएनए कोविड-19 वैक्सीन अक्टूबर तक बाजार में आने की संभावना है. जुलाई में जायडस ने कहा था कि उसकी सालाना 10-12 करोड़ डोज बनाने की योजना है. ZyCoV-D, जो ‘प्लग एंड प्ले’ तकनीक का उपयोग करता है, में एक डीएनए प्लास्मिड वेक्टर होता है जो SARS-CoV-2 की सतह पर मौजूद स्पाइक प्रोटीन को जीन एन्कोडिंग करता है, जो कोविड-19 संक्रमण का कारण बनता है. जब डीएनए प्लास्मिड को मानव कोशिका में इंजेक्ट किया जाता है, तो यह नाभिक में प्रवेश करता है और स्पाइक प्रोटीन को पुन: उत्पन्न करता है. जवाब में, मानव शरीर एंटीबॉडी उत्पन्न करता है.

Posted By: Amlesh Nandan.

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