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भारत में कब से मिलेगी जायकोव-डी वैक्‍सीन और क्या होगी कीमत, जायडस कैडिला के एमडी शर्विल पटेल ने दी जानकारी

Zydus Cadila Vaccine कोरोना के खिलाफ जंग में भारत को एक और कामयाबी मिली है. जायडस कैडिला की वैक्सीन जायकोव-डी को इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिलने के साथ ही भारत के पास अब कोरोना वायरस की 6 वैक्सीन हो गई है. इसको लेकर जायडस कैडिला के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ शर्विल पटेल ने अहम जानकारी साझा की है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 21, 2021 9:26 PM

Zydus Cadila Vaccine: कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई के मोर्चे पर भारत को एक और कामयाबी मिली है. जायडस कैडिला (Zydus Cadila) की वैक्सीन जायकोव-डी (ZyCoV-D) को इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिलने के साथ ही भारत के पास अब कोरोना वायरस की 6 वैक्सीन हो गई है. इसको लेकर जायडस कैडिला के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ शर्विल पटेल ने शनिवार को अहम जानकारी साझा की है.

न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, जायडस कैडिला के प्रबंध निदेशक डॉ शर्विल पटेल ने आज बताया कि देश के 50 केंद्रों पर वैक्सीन का ट्रायल किया. इनमें से 12 से 18 साल के 1400 युवा भी शामिल रहे. सभी ट्रायल में कंपनी को वैक्सीन के साइड इफेक्ट देखने को नहीं मिला. डॉ शर्विल पटेल ने कहा कि हमने अभी 2-12 साल के बच्चों के लिए ट्रायल शुरू नहीं किए हैं. लेकिन, रेगुलेटर्स को 5 से 7 दिन के अंदर ट्रायल शुरू करने का प्रस्ताव भेजने वाले हैं.

जायडस कैडिला के प्रबंध निदेशक शर्विल पटेल ने साथ ही कहा कि इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिलने के बाद अब हम अपने वैक्सीन की आपूर्ति की कीमत और तरीके पर काम करने के लिए अधिकारियों के साथ मिलकर काम करेंगे. अगले एक या दो सप्ताह में हम टीके की कीमत के बारे बता सकेंगे. उन्होंने कहा कि कंपनी को उम्मीद है कि सितंबर के मध्य से अंत तक हम वैक्सीन की आपूर्ति शुरू कर सकते हैं.

शर्विल पटेल ने कहा कि हमने पहले भी कहा था कि हमें उत्पादन एक करोड़ खुराक तक बढ़ाने की जरूरत है. विश्वास है कि अक्टूबर तक हम इसे हासिल कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि उम्मीद है, अक्टूबर तक हम एक करोड़ टीकों का उत्पादन शुरू कर देंगे और इसका मतलब है कि जनवरी के अंत तक हम 4 से 5 करोड़ टीके का उत्पादन कर सकते हैं.

जायडस कैडिला के कोविड टीके जायकोव-डी को भारत के औषधि महानियंत्रक से मिली आपात इस्तेमाल की मंजूरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बेहद महत्वपूर्ण क्षण बताते हुए कहा कि विश्व के पहले डीएनए आधारित कोविड19 रोधी टीके को मंजूरी मिलना देश के वैज्ञानिकों के नवोन्मेषी उत्साह का प्रमाण है. बता दें कि इससे पहले देश में पांच टीकों सीरम इंस्टिट्यूट का कोविशील्ड, भारत बायोटेक का कोवैक्सीन, रूसी टीका स्पूतनिक वी, तथा अमेरिका का मॉडर्ना तथा जॉनसन एंड जॉनसन के वैक्सीन को मंजूरी मिली है. इनमें कोविशील्ड, कोवैक्सीन एवं स्पूतनिक वी का देश में इस्तेमाल हो रहा है.

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