नवादा सदर अस्पताल में डिलीवरी के लिए आयी एक महिला का अस्पताल गेट पर ही प्रसव हो गया. इसके बाद परिजनों के द्वारा जच्चे व बच्चे दोनों को आनन-फानन में सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां ड्यूटी पर तैनात चिकित्सकों ने महिला के शरीर में ब्लड की कमी की बात कही. जब परिजन ब्लड खुद देने को तैयार हुए, तो बताया गया कि दवा से ही ठीक हो जायेगी. बाद में प्रसूता की मौत हो गयी. इसके बाद परिजनों ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए अस्पताल में काफी हंगामा किया.
बताया जाता है कि अकबरपुर प्रखंड के गोसांईं बीघा निवासी बबलू सपेरा की पत्नि को शुक्रवार की देर रात को प्रसव के लिए सदर अस्पताल लाया गया था. यहां भर्ती कराने के लिए लाने के क्रम में ही अस्पताल गेट तक पहुंचते ही प्रसव हो गया. आनन-फानन में उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उस वक्त ड्यूटी पर चिकित्सक के रूप में डॉ मधु सिन्हा थीं, जिन्होंने ब्लड की कमी की बात कही. उस समय तक जच्चा बच्चा ठीक-ठाक था. जब परिजन खुद ब्लड देने को तैयार हुए तो कहा गया कि दवा से ही महिला ठीक हो जायेगी. इस बीच इलाज के दौरान ही प्रसूता की मौत हो गयी.
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मृत महिला के ससुर सिकंदर सपेरा ने बताया कि उनकी बहू की इलाज में अस्पताल द्वारा काफी लापरवाही हुई है. इसके कारण उसकी मौत हो गयी है. यहां सुई देने के नाम पर भी 100 रुपये की डिमांड की जाती है. कर्मी बिना पैसे के बात भी नहीं करते हैं. प्रसूता की मौत बाद अस्पताल परिसर में परिजनों ने खूब हंगामा किया. फिर लोगों ने समझा-बुझाकर मामले को शांत कराया. अस्पताल उपाधीक्षक डॉक्टर अजय कुमार ने चिकित्सकों की लापरवाही मानने से इंकार किया है. इन्होंने बताया कि मरीज काफी सीरियस थी. इसकी वजह से मौत हुई है.