लंदन : भारत और ब्रिटेन ने लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे वैश्विक आतंकी संगठनों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने के लिए सहयोग बढ़ाने का संकल्प लिया. दोनों देशों ने इस बात पर भी जोर दिया कि आतंकवाद को किसी एक धर्म से नहीं जोड़ा जा सकता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को महारानी एलिजाबेथ द्वितीय से उनके बर्किंघम पैलेस में मुलाकात की और परस्पर हितों के मुद्दों पर चर्चा की.
इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी और ब्रिटिश प्रधानमंत्री टेरीजा मे के बीच सार्थक चर्चा के बाद दोनों देशों ने आतंकवाद का मुकाबला करने का संकल्प लिया. दोनों ने भारत-ब्रिटेन संबंधों के विभिन्न पहलुओं पर बातचीत की. 10 डाउनिंग स्ट्रीट की ओर से जारी बयान के अनुसार दोनों नेताओं के बीच बातचीत में सीरिया हवाई हमले, आतंकवाद विरोधी लड़ाई, कट्टरपंथ और ऑनलाइन चरमपंथ पर मुख्य रूप से चर्चा की गयी. भारतीय विदेश सचिव विजय गोखले ने संवाददाओं से कहा कि आतंकवाद से लड़ाई के मुद्दे पर ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने मोदी से कहा कि ब्रिटेन इस समस्या से निपटने में भारत के साथ एक रणनीतिक साझेदार के तौर पर खड़ा है.
साझा बयान के अनुसार, दोनों नेताओं ने भारत और ब्रिटेन में आतंकवाद और आतंकी घटनाओं सहित सभी तरह के आतंकवाद की निंदा की. मोदी और मे कहा कि आतंकवाद को किसी भी आधार पर उचित नहीं ठहराया जा सकता तथा इसको किसी धर्म, नस्ल, राष्ट्रीयता और जाति से नहीं जोड़ा जा सकता. दोनों नेताओं ने इस बात पर सहमति जतायी कि आतंकवादी और चरमपंथी संगठनों को ऐसे किसी भी दायरे से उपेक्षित रखने की जरूरत है जहां वे कट्टरपंथ फैला सकें, लोगों की भर्ती कर सकें और निर्दोष लोगों पर आतंकी हमले कर सकें.
साझा बयान के अनुसार मोदी और मे ने लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, हिज्बुल मुजाहिदीन, हक्कानी नेटवर्क, अलकायदा, आईएसआईएस तथा इनसे जुड़े समूहों जैसे वैश्विक आतंकी संगठनों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने के लिए सहयोग बढ़ाने पर सहमति जतायी. पिछले दिनों ब्रिटेन में पूर्व रूसी डबल एजेंट सर्गई स्क्रिपल तथा उनकी बेटी यूलिया पर नर्व एजेंट नामक रसायन द्वारा हमला किये जाने की घटना का भी साझा बयान में उल्लेख किया गया है. बयान के मुताबिक मोदी और मे ने सीरिया में रासायनिक हथियारों के उपयोग से जुड़ी खबरों को लेकर गहरी चिंता को साझा किया. दोनों नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल के किसी भी घटना की केमिकल वेपन्स कनवेंशन के प्रावधानों के मुताबिक संपूर्ण जांच होनी चाहिए.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को ही महारानी एलिजाबेथ द्वितीय से उनके बर्किंघम पैलेस में मुलाकात की और परस्पर हितों के मुद्दों पर चर्चा की. प्रधानमंत्री चार दिनों की ब्रिटेन यात्रा पर मंगलवारको यहां पहुंचे थे. उन्होंने राष्ट्रमंडल शासनाध्यक्षों की बैठक (चोगम) से पहले महारानी से मुलाकात की. महारानी एलिजाबेथ द्वितीय (91 साल) राष्ट्रमंडल की प्रमुख हैं. लंदन में चोगम की बैठक में 53 शासनाध्यक्ष भाग लेंगे. इसके बाद महारानी बर्किंघम पैलेस में भव्य रात्रिभोज का आयोजन करेंगी.