तेहरान : ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खुमैनी ने सोमवार को कहा कि अमेरिका के साथ न तो कोई युद्ध होगा और न ही कोई बातचीत होगी. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि देश की समस्याओं का कारण नये प्रतिबंधों से ज्यादा सरकारी कुप्रबंधन है. उनकी इस टिप्पणी से राष्ट्रपति हसन रूहानी पर दबाब बढ़ जायेगा. वह पहले ही मुद्रा के कमजोर होने और भ्रष्टाचार तथा महंगाई को लेकर व्यापक प्रदर्शनों का सामना कर रहे हैं. वह अमेरिका से बातचीत की संभावना को खारिज करते हुए प्रतीत हुए.
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उन्होंने ट्विटर पर अंग्रेजी में लिखा कि हाल में अमेरिकी अधिकारी हमारे बारे में अनुचित तरीके से बातें कर रहे हैं. प्रतिबंधों के अलावा वे युद्ध और वार्ता की बातें कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस संबंध में मैं लोगों से कुछ शब्द कहूंगा, ‘कोई युद्ध नहीं होगा, न ही हम अमेरिका के साथ कोई वार्ता करेंगे.’ इस संबंध में तरह-तरह की अटकलें लगायी जा रही हैं कि क्या ईरान को बातचीत के लिए बाध्य किया जायेगा, लेकिन ईरान ने नये सिरे से बातचीत की बात को खारिज कर दिया है.
ईरान का कहना है कि परमाणु सौदे के तहत प्रतिबद्धताओं का उल्लंघन करने के बाद अमेरिका पर अब भरोसा नहीं किया जा सकता. खुमैनी ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘आज की आजीविका समस्या बाहर से नहीं पैदा हुई है, वे आंतरिक हैं.’ उन्होंने कहा कि उन प्रतिबंधों का कोई असर नहीं है, बल्कि मुख्य कारक यह है कि हम उनसे कैसे निपटते हैं.