लंदन : शराब कारोबारी विजय माल्या नौ हजार करोड़ रुपये की धोखाधड़ी और धनशोधन के आरोपों का सामना करने के लिए भारत प्रत्यर्पित किये जाने के आदेश के खिलाफ अपनी अपील के सिलसिले में मंगलवार यहां रॉयल कोर्ट पहुंचा. किंगफिशर एयरलाइंस के 64 वर्षीय पूर्व प्रमुख अदालत के द्वार पर संवाददाताओं से बचकर निकल गया और अपने वकील के साथ अंदर चला गया. अप्रैल, 2017 में प्रत्यर्पण वारंट को लेकर अपनी गिरफ्तारी के बाद से वह जमानत पर है.
हाईकोर्ट के न्यायाधीश मजिस्ट्रेट अदालत के प्रत्यर्पण आदेश के खिलाफ दलीलें सुनना शुरू करेंगे. मजिस्ट्रेट अदालत के प्रत्यर्पण आदेश पर पिछले साल फरवरी में ब्रिटेन के गृह मंत्री साजिद जावेद ने हस्ताक्षर कर दिये थे. माल्या को एक आधार पर अपील करने की इजाजत मिली थी, जिसके तहत बैंक ऋण हासिल करने के धोखाधड़ी पूर्ण इरादे के मामले में भारत सरकार की ओर से दर्ज मामले को चुनौती दी गयी है.
मजिस्ट्रेट अदालत के आदेश के खिलाफ सुनवाई गुरुवार तक तीन दिन चलेगी. फिलहाल, तत्काल फैसला आने की संभावना नहीं है और यह इस बात पर निर्भर करेगा कि सुनवाई कैसे आगे बढ़ती है. माल्या छह लाख पचास हजार पाउंड के जमानत बांड पर जमानत पर है. उस पर अन्य पाबंदियां भी लगायी गयी हैं. सुनवाई जारी रहने तक वह देश से बाहर नहीं जा सकता है.