19.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

इमरान खान को सता रहा भारत का डर, कहा – एक और शरणार्थी संकट का सामना कर सकता है पाकिस्तान

इस्लामाबाद : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को भारत का डर सता रहा है. उन्होंने सोमवार को कहा कि अगर अंतरराष्ट्रीय समुदाय भारत की मौजूदा स्थिति का संज्ञान लेने में नाकाम रहता है, तो पाकिस्तान एक और शरणार्थी संकट का सामना कर सकता है. एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने खबर दी है कि राजधानी इस्लामाबाद में दो […]

इस्लामाबाद : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को भारत का डर सता रहा है. उन्होंने सोमवार को कहा कि अगर अंतरराष्ट्रीय समुदाय भारत की मौजूदा स्थिति का संज्ञान लेने में नाकाम रहता है, तो पाकिस्तान एक और शरणार्थी संकट का सामना कर सकता है. एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने खबर दी है कि राजधानी इस्लामाबाद में दो दिवसीय शरणार्थी सम्मेलन को संबोधित करते हुए खान ने कहा कि भारत की अतिराष्ट्रवाद की विचारधारा बिना किसी रुकावट के चलती रही, तो इससे तबाही फैल सकती है और यह क्षेत्र इसका केंद्र होगा. शरणार्थी सम्मेलन पाकिस्तान में अफगान शरणार्थियों के आने के 40 साल पूरे होने के मौके पर हो रहा है.

अखबार ने खबर दी है कि खान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह बयान कि भारत 11 दिन में पाकिस्तान को तबाह कर सकता है, परमाणु हथियार से संपन्न राष्ट्र के और इतनी बड़ी आबादी वाले देश के प्रधानमंत्री की ओर से दिया गया जिम्मेदाराना बयान नहीं है. खान ने यह बयान संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस की उपस्थिति में दिया. गुतारेस पाकिस्तान की यात्रा पर आए हुए हैं और उन्होंने भी इस सम्मेलन में शिरकत की है.

खान ने कहा कि ‘हिन्दुत्व’ की विचारधारा की वजह से कश्मीरियों को 200 से ज्यादा दिनों से बंद किया हुआ है. उन्होंने आरोप लगाया कि इसी विचारधारा के तहत भारत के 20 करोड़ मुसलमानों को निशाना बनाने के लिए भाजपा नीत सरकार ने दो भेदभावपूर्ण राष्ट्रवादी कानून पारित किये हैं. खान भारत के संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा रद्द करने का हवाला दे रहे थे.

उन्होंने कहा कि अगर अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस स्थिति का संज्ञान नहीं लेता है, तो यह पाकिस्तान के लिए एक और शरणार्थी संकट पैदा कर देगा, क्योंकि भारत के मुसलमान पाकिस्तान का रुख करेंगे. दुनिया न्यूज ने खान के हवाले से कहा कि यह जवाहरलाल नेहरू और महात्मा गांधी का भारत नहीं है. संयुक्त राष्ट्र को अपनी भूमिका निभानी चाहिए, नहीं तो यह भविष्य में एक बहुत बड़ी समस्या बन जायेगी.

भारतीय संसद ने दिसंबर, 2019 में सीएए पारित किया था, जिसमें पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धर्म के आधार पर प्रताड़ित किये गये गैर-मुस्लिमों को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान है. भारत सरकार का कहना है कि सीएए भारत का अंदरूनी मामला है और इसका मकसद पड़ोसी देशों के उत्पीड़ित अल्पसंख्यकों को संरक्षण देना है.

वहीं, भारत ने पिछले साल पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को खत्म कर दिया था. इस पर प्रतिक्रिया देता हुए पाकिस्तान ने भारत के साथ राजनयिक रिश्तों को कम कर दिया था और भारतीय उच्चायुक्त को निकाल दिया था.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें