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जेनरल में भीड़ से छूटा पसीना, बंद एसी ने थ्री टीयर में हालत बिगाड़ी

विक्रमशिला एक्सप्रेस से प्रस्थान और गया रामपुर हाट पैसेंजर से वापस हुई प्रभात खबर की टीम भागलपुर से जमालपुर और जमालपुर से भागलपुर तक रेल यात्रा में जाना यात्रियों का हाल रामपुर हाट पैसेंजर में इतनी भीड़ कि धक्का-मुक्की कर सवार हुए यात्री भागलपुर : दिन रविवार, दिन के 11:15 बजे. भागलपुर से आनंद बिहार […]

विक्रमशिला एक्सप्रेस से प्रस्थान और गया रामपुर हाट पैसेंजर से वापस हुई प्रभात खबर की टीम

भागलपुर से जमालपुर और जमालपुर से भागलपुर तक रेल यात्रा में जाना यात्रियों का हाल
रामपुर हाट पैसेंजर में इतनी भीड़ कि धक्का-मुक्की कर सवार हुए यात्री
भागलपुर : दिन रविवार, दिन के 11:15 बजे. भागलपुर से आनंद बिहार तक जानेवाली विक्रमशिला एक्सप्रेस एक नंबर प्लेटफॉर्म से जाने को तैयार थी. लेकिन ट्रेन भागलपुर से ही अपने नियत समय से नौ मिनट लेट 11:29 बजे खुली. इस संबंध में जब स्टेशन अधीक्षक से बात की गयी तो कोई माकूल जवाब न मिला. सिग्नल ग्रीन हुई और पटरियों पर चहलकदमी करती ट्रेन ने भी धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ी. जमालपुर तक का हाल जानने प्रभात खबर के एक रिपोर्टर और एक फोटोग्राफर ने इस ट्रेन से यात्रा की.
100 सीट और यात्री 200 से भी ज्यादा, खूब हुई धक्का-मुक्की: एलएचबी कोच वाले विक्रमशिला एक्सप्रेस में एलएचबी कोच के पहले चार बोगी सामान्य श्रेणी की रहती थी. लेकिन इस एलएचबी कोच में दो ही बोगी हैं. इनमें एक आगे और एक पीछे बोगी को लगाया गया. दो बाेगी होने के कारण सामान्य श्रेणी में यात्रा करनेवाले यात्री बोगी में भीड़ ठसाठस भरी मिली. बोगी में सीट 100 और यात्री 200 से भी ज्यादा. शोर, बकबक-बकझक और सीट के लिये मारा-मारी के साथ ही सीट पर थोड़ा एडजेस्ट कर लेने की गुजारिश में सभी पसीने से तरबतर.
खैर…शहर के शोर को अलविदा कर जब ट्रेन ने रफ्तार पकड़ी तो भीड़ से तंग हो चुकी खिड़कियों से आ रही हवा ने लोगाें को थोड़ी राहत बख्श दी. इससे पहले ट्रेन में लगे पंखों से हवा तो नहीं आ रही थी, हां इन पंखों के चलने से निकल रही हनहनाहट जरूर इस बात का अहसास करा रही थी कि, बोगी में पंखे बस मौजूद हैं. कुछ देर फर्राटा भरने के बाद ट्रेन सुलतानगंज पहुंचने वाली थी. यहां भीड़ हुजूम बनकर उमड़ा. धक्का-मुक्की के बीच जो बोगी में सवार हो गया, समझो उसने जग जीत लिया. कुछ कायदे-कानून से बेपरवाह हो एसी बोगी में भी घुस गये तो कुछ जल्दबाजी में पेंट्रीकार ही घुसना मुनासिब समझा.
एसी बोगी में बिना कवर का तकिया. विक्रमशिला के एसी बोगी में कोच अटेंडेंट सभी यात्री को तकिया, कंबल, चादर, तौलिया और तकिया पैकेट में देते नजर आये. लेकिन तकिये पर कवर नदारद मिला. इनमें से भी कुछ तकिये गंदे और दाग लगे. यात्री ने भी कहा कि बिना खोल वाला तकिया मिलता है. जब इसके लिए कोच अटेंडेंट से जानकारी मांगी गयी, तो बताया कि पहले कवर सहित तकिया दिया जाता था. लेकिन यात्री की शिकायत पर कि तकिया का खोल गंदा है. एक साल होने को आये. अब तकिया कवर चादर और तौलिया पैक कर दिया जाता है.
सफर भागलपुर टू जमालपुर: जैसा देखा, वैसा लिखा…
कल्याणपुर के रास्ते में ही बी टू बोगी का एसी हुआ बंद, परेशान रहे यात्री
भागलपुर से जमालपुर तक सफर के बीच गाड़ी कल्याणपुर स्टेशन से होकर गुजरी. इसी दौरान एसी थ्री कोच में एसी बंद हो गया. कुछ देर के बाद एसी फिर से चालू हुआ और फिर बंद पड़ गया. काफी मशक्कत के बाद जमालपुर पहुंचने पर एसी ने ठंडी हवा फेंकना शुरू किया. इस दौरान यात्री गर्मी से बेहाल रहे.
गया-रामपुर हाट पैसेंजर भीड़ खचाखच लेकिन आधे से भी ज्यादा लोग बेटिकट
दिन के सवा एक बजे के करीब जमालपुर के प्लेटफॉर्म संख्या तीन से गया-रामपुर साहिबगंज पैसेंजर भागलपुर के लिए खुली. प्रभात खबर की टीम इस ट्रेन के सफर का हाल जानने सवार हुई. ट्रेन के किसी भी बोगी में पैर रखने तक की जगह नहीं. भीड़ ऐसी कि मानो रेलवे के लिये यह ट्रेन पहली नजर में अच्छा-खासा मुनाफा देने वाली लगती है. लेकिन हद तो यह हुई कि, इसमें आधे से अधिक यात्री बेखौफ हो बेटिकट ही सफर करते नजर आये. बस गार्ड गाड़ी चलाने के लिए हरी झंडी दिखाते और सीटी बजाते हैं,
रेलवे की कोई सख्ती इसमें नहीं नजर आती. ट्रेन कुछ ही देर में ऋषिकुंड हॉल्ट पर रुकी. यहां भीड़ इतनी अधिक थी कि पैर रखने तक की जगह भी न बची. वजह थी, ऋषिकुंड में कोई मेला था. आखिरकार हर स्टेशन व हॉल्ट पर रुकती ट्रेन तीन बजे के करीब भागलपुर स्टेशन पहुंची.

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