मुजफ्फरपुर : मादक पदार्थों की तस्करी मामले की सुनवाई कर रहे एडीजे-1 एसएन ठाकुर ने दोषी पाते हुए पश्चिमी चंपारण जिले के सिकटा निवासी जनार्दन शर्मा व यादव लाल दास को 15-15 वर्ष व दो-दो लाख रुपये अर्थदंड की सजा सुनायी है. यह सजा दो अलग-अलग धाराओं में सुनायी गयी है. एनडीपीएस की धारा 20(बी) (11) सी में 15-15 वर्ष व एक-एक लाख अर्थदंड, वहीं 23(सी) में 15-15 वर्ष व एक-एक लाख रुपये अर्थदंड की सजा दी गयी है. दोनों सजाएं हक साथ चलेंगी. अगर अर्थदंड की राशि अभियुक्त नहीं जमा कराते हैं, तो उन्हें एक वर्ष अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी पड़ेगी.
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मादक पदार्थ तस्करी में दो को 15 साल की सजा, दो लाख अर्थदंड
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मुजफ्फरपुर : मादक पदार्थों की तस्करी मामले की सुनवाई कर रहे एडीजे-1 एसएन ठाकुर ने दोषी पाते हुए पश्चिमी चंपारण जिले के सिकटा निवासी जनार्दन शर्मा व यादव लाल दास को 15-15 वर्ष व दो-दो लाख रुपये अर्थदंड की सजा सुनायी है. यह सजा दो अलग-अलग धाराओं में सुनायी गयी है. एनडीपीएस की धारा 20(बी) […]

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ये है मामला : कस्टम के इंस्पेक्टर पीके शांडिल्य ने वर्ष 2008 में एनएच-28 पर मोतीपुर के पास रक्सौल से पटना जा रही बस से चरस के तीन पैकेट के साथ दो आरोपितों जनार्दन शर्मा व यादव लाल दास को गिरफ्तार किया था. इन दोनों के विरुद्ध एनडीपीएस 43/08-09 दर्ज की गयी थी. इसमें कांड के सूचक इंस्पेक्टर पीके शांडिल्य ने अपने लिखित बयान में बताया था कि 17 जून, 2008 को सूचना मिली थी कि चरस लेकर रक्सौल से दो तस्कर पटना के लिए बस (बीआर 06 इ 7833) से जा रहे हैं. यह सूचना असिस्टेंट कमिश्नर कस्टम डिवीजन मुजफ्फरपुर को दी गयी. असिस्टेंट कमिश्नर ने एक विशेष टीम का गठन किया.
इसके बाद टीम छापेमारी के लिए निकली. दोपहर पौने दो बजे एनएच-28 पर मोतीपुर के पास उक्त प्राइवेट बस को आते देख टीम ने उसे रोका. तलाशी के दौरान पुलिस टीम को आगे की सीट पर बैठे दो आदमियों के सामने तीन बैग थे. तीनों बैग के साथ दोनों संदिग्धों को बस से नीचे उतार कर बैग की तलाशी ली गयी. इसमें बैग से 32 पैकेट चरस बरामद हुआ. इसकी कीमत लगभग तीन लाख 60 हजार रुपये आंकी गयी थी. दोनों संदिग्धों ने अपना नाम पश्चिमी चंपारण जिले के सिकटा निवासी जनार्दन शर्मा और यादव लाल दास बताया था.
उक्त चरस को दोनों इंडो-नेपाल बॉर्डर से चरस की डिलेवरी लेकर पटना पहुंचाने जा रहे थे.
मुजफ्फरपुर : मादक पदार्थों की तस्करी मामले की सुनवाई कर रहे एडीजे-1 एसएन ठाकुर ने दोषी पाते हुए पश्चिमी चंपारण जिले के सिकटा निवासी जनार्दन शर्मा व यादव लाल दास को 15-15 वर्ष व दो-दो लाख रुपये अर्थदंड की सजा सुनायी है. यह सजा दो अलग-अलग धाराओं में सुनायी गयी है. एनडीपीएस की धारा 20(बी) (11) सी में 15-15 वर्ष व एक-एक लाख अर्थदंड, वहीं 23(सी) में 15-15 वर्ष व एक-एक लाख रुपये अर्थदंड की सजा दी गयी है. दोनों सजाएं हक साथ चलेंगी. अगर अर्थदंड की राशि अभियुक्त नहीं जमा कराते हैं, तो उन्हें एक वर्ष अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी पड़ेगी.
ये है मामला : कस्टम के इंस्पेक्टर पीके शांडिल्य ने वर्ष 2008 में एनएच-28 पर मोतीपुर के पास रक्सौल से पटना जा रही बस से चरस के तीन पैकेट के साथ दो आरोपितों जनार्दन शर्मा व यादव लाल दास को गिरफ्तार किया था. इन दोनों के विरुद्ध एनडीपीएस 43/08-09 दर्ज की गयी थी. इसमें कांड के सूचक इंस्पेक्टर पीके शांडिल्य ने अपने लिखित बयान में बताया था कि 17 जून, 2008 को सूचना मिली थी कि चरस लेकर रक्सौल से दो तस्कर पटना के लिए बस (बीआर 06 इ 7833) से जा रहे हैं.
यह सूचना असिस्टेंट कमिश्नर कस्टम डिवीजन मुजफ्फरपुर को दी गयी. असिस्टेंट कमिश्नर ने एक विशेष टीम का गठन किया. इसके बाद टीम छापेमारी के लिए निकली. दोपहर पौने दो बजे एनएच-28 पर मोतीपुर के पास उक्त प्राइवेट बस को आते देख टीम ने उसे रोका. तलाशी के दौरान पुलिस टीम को आगे की सीट पर बैठे दो आदमियों के सामने तीन बैग थे. तीनों बैग के साथ दोनों संदिग्धों को बस से नीचे उतार कर बैग की तलाशी ली गयी. इसमें बैग से 32 पैकेट चरस बरामद हुआ. इसकी कीमत लगभग तीन लाख 60 हजार रुपये आंकी गयी थी. दोनों संदिग्धों ने अपना नाम पश्चिमी चंपारण जिले के सिकटा निवासी जनार्दन शर्मा और यादव लाल दास बताया था.
उक्त चरस को दोनों इंडो-नेपाल बॉर्डर से चरस की डिलेवरी लेकर पटना पहुंचाने जा रहे थे.
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