गुवाहाटी : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि उनकी सरकार ने कई बड़े सुधारों को अमल में लाकर भारत को दुनिया में सबसे तरजीही निवेश स्थल बनाने का काम किया है. इससे पिछले वित्त वर्ष में 60 अरब डाॅलर का सर्वाधिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) देश में आया. असम सरकार द्वारा यहां आयोजित दो दिवसीय वैश्विक निवेशक शिखर सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए मोदी ने कहा की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार ने सरकारी मशीनरी के काम के तौर तरीके में बदलाव लाकर उसमें तेजी लायी है. ‘हम चाहते हैं कि सभी कार्यक्रमों को तय लक्ष्य से पहले पूरा किया जाये.’
मोदी ने कहा कि देश की आर्थिक वृद्धि की रफ्तार तभी बढ़ेगी जब पूर्वोत्तर क्षेत्र और यहां के लोगों को चौतरफा विकास होगा. उन्होंने इस संबंध में सरकार की ‘पूर्व में काम करो’ की नीति का उल्लेख किया. प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हमने पूर्व में काम करो की नीति’ को अपनाया और पूर्वोत्तर क्षेत्र इस नीति के केंद्र में है.’ उन्होंने कहा, ‘सरकार की इस नीति के तहत भारत के पूर्वी हिस्से में स्थित देशों और विशेषकर आसियान देशों के साथ लोगों के बीच आपसी संपर्क बढ़ाने, व्यापारिक रिश्तों और दूसरे संबंधों को बढ़ाने की जरूरत है.’ मोदी ने कहा कि शिखर सम्मेलन की विषयवस्तु, ‘फायदेमंद असम : आसियान देशों के लिए भारत का एक्सप्रेस मार्ग’ केवल एक पंक्ति मात्र नहीं है, बल्कि इसके पीछे एक व्यापक दृष्टि भी है.
उन्होंने कहा, ‘केंद्र सरकार ने पिछले साढ़े तेल साल के दौरान कई अहम आर्थिक सुधारों पर अमल किया है जिनसे देश में कारोबार करना सुगम हुआ है.’ हाल में बजट में की गयी घोषणाओं के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य बीमा योजना आयुष्मान भारत से 45 से 50 करोड़ लोगों को लाभ होगा. इस योजना के अमल में आने से देश के दूसरी, तीसरी श्रेणी के शहरों में बड़े अस्पताल खुलने की संभावनाएं बढ़ जायेंगी. मोदी ने कहा कि गरीब महिलाओं को मुफ्त रसोई गैस कनेक्शन उपलब्ध कराने की उज्ज्वला योजना के लिए अब आठ करोड़ का नया लक्ष्य तय किया गया है. पहले पांच करोड़ महिलाओं को मुफ्त गैस कनेक्शनल देने का लक्ष्य रखा गया था.
उन्होंने कहा कि भारत आज दुनिया में निवेश के लिए सबसे पसंदीदा स्थान बन गया है और यही वजह है कि 2016-17 में भारत में 60 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) आया है. प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने सरकारी मशीनरी के काम के तरीके में बदलाव किया है और अब यह ज्यादा तेजी के साथ काम कर रही है. ‘हम चाहते हैं कि सभी कार्यक्रमों को तय लक्ष्य से पहले पूरा कर लिया जाये.’
असम सरकार द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोगबे, अनेक केंद्रीय मंत्री, मुख्य मंत्री सरबानंद सोनोवाल, अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर के मुख्यमंत्री, 16 देशों के राजदूत और उच्चायुक्त इस अवसर पर कार्यक्रम में उपस्थित थे. इसके अलावा रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के चेयरमैन मुकेश अंबानी, टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन तथा अन्य उद्योगपति भी दो दिवसीय वैश्विक निवेशक सम्मेलन के अवसर पर उपस्थित थे. असम सरकार पहली बार इस तरह के वैश्विक निवेशक शिखर सम्मेलन का आयोजन कर रही है. सम्मेलन में असम सरकार राज्य में मौजूद निवेश संभावनाओं और उसके भू-रणनीतिक फायदे से देशी- विदेशी निवेशकों को अवगत करायेगी. राज्य सरकार निवेशकों के लिए तैयार अपनी विभिन्न नीतियों को भी उनके समक्ष रखेगी.