अस्ताना: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके पाकिस्तानी समकक्ष नवाज शरीफ ने गुरुवार रात यहां एक सांस्कृतिक कार्यक्रम में एक-दूसरे का अभिवादन किया. दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों में जमी बर्फ, बातचीत में गतिरोध और जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर बढ़ती शत्रुता के बीच एक-दूसरे का अभिवादन किया. दोनों नेताओं के बीच 25 दिसंबर 2015 को लाहौर में हुई मुलाकात के बाद दोनों का पहली बार आमना-सामना हुआ है. उस वक्त प्रधानमंत्री मोदी आश्चर्यजनक तरीके से लाहौर पहुंच गये थे. मोदी और शरीफ शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए यहां हैं. इस शिखर सम्मेलन में भारत और पाकिस्तान को एससीओ के पूर्ण सदस्य के तौर पर शुक्रवार को शामिल किया जायेगा. सूत्रों का कहना है कि मोदी ने शरीफ से मुलाकात के दौरान उनकी मां और परिवार के बारे में भी पूछताछ की. सूत्रों ने कहा कि मोदी ने शरीफ से पूछा कि अब कैसी है मां.
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मिलते ही मोदी ने पूछा-अब कैसी है सेहत
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मोदी और शरीफ ने एक-दूसरे का अभिवादन उस समय किया, जब वे अस्ताना ओपरा में स्वागत के लिए लीडर्स लाउंज में थे. इस कार्यक्रम का आयोजन एससीओ की बैठक में हिस्सा लेने के लिए आए नेताओं के स्वागत के लिए किया गया था. एक शीर्षस्थ सूत्र ने बताया कि शरीफ के हृदय की शल्य चिकित्सा के बाद दोनों नेताओं की पहली बार चूंकि आमने-सामने मुलाकात हुई, इसलिए मोदी ने उनके स्वास्थ्य के बारे में पूछा. शरीफ की पिछले साल जून में ओपन हार्ट सर्जरी हुई थी.
संक्षिप्त शब्दों में दोनों नेताआें ने की बात
दोनों नेताओं के बीच संक्षिप्त शब्दों का आदान-प्रदान ऐसे समय में हुआ है, जब जम्मू कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तानी सेना द्वारा दो भारतीय सैनिकों का सिर काटने और पूर्व भारतीय नौसैनिक अधिकारी कुलभूषण जाधव को जासूसी के आरोप में पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत द्वारा फांसी की सजा सुनाये जाने समेत कई मुद्दों को लेकर भारत और पाकिस्तान के संबंधों में गिरावट आयी है. अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने जाधव की फांसी पर रोक लगा दी है. जम्मू कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर भी तनाव में वृद्धि देखने को मिल रही है.
दिसंबर, 2015 में अचानक लाहौर पहुंचे थे मोदी
दिसंबर 2015 में मोदी अफगानिस्तान की एक दिवसीय यात्रा से लौटने के दौरान आश्चर्यजनक तरीके से लाहौर पहुंच गये थे. पिछले 10 से अधिक वर्षों में यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली पाकिस्तान यात्रा थी. हालांकि, मोदी की पाकिस्तान यात्रा से बना सकारात्मक माहौल ज्यादा समय तक नहीं टिक सका था, क्योंकि पाकिस्तानी आतंकवादी समूहों ने पठानकोट में भारतीय वायु सेना के ठिकाने पर दो जनवरी, 2016 को हमला कर दिया.
शरीफ से मुलाकात के बाद भी नहीं बदला है भारत का रुख
इससे पहले, यह पूछे जाने पर कि क्या मोदी और शरीफ की द्विपक्षीय बैठक होगी तो इसपर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने कहा कि हमारा रुख नहीं बदला है. उनकी तरफ से कोई प्रस्ताव नहीं है. हमारी तरफ से भी कोई प्रस्ताव नहीं है. भारत कहता रहा है कि मोदी-शरीफ बैठक के लिए न तो पाकिस्तान की तरफ से कोई अनुरोध है और न ही भारत की तरफ से इस तरह का कोई प्रस्ताव है. उन्होंने कहा कि ऐसे कई क्षण रहे हैं, जब नेता एक ही स्थान पर रहे हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें जानकारी नहीं है कि वे मिले अथवा नहीं.