छतरपुर (पलामू) : राजस्थान के बीकानेर जिले के नोखा क्षेत्र और बेदू कला ऊनवड़ा से शुरू हुई चोटी काटने की घटना हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और बिहार होते हुए झारखंड पहुंच गयी है. झारखंड के पलामू जिला के छतरपुर से सटे बौरहवाखांड गांव के गणेश साव की पत्नी देवकली देवीनेकहा है कि बुधवार की रात किसी नेउनके बाल काट लिये.
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उनका कहना है कि चोटीकटवाउनकी चोटीलेकरभाग गया. देवकली के मुताबिक, वह रात में घर में सो रही थी. सुबह उठी तो उनकी चोटी कट चुकी थी. गांव में चोटी कटने की इस घटना से महिलाओं में खौफ का माहौल है. महिलाएं इस घटना से सहम गयी हैं. इसको लेकर गांव के साथ-साथ आसपास के गांवों में भी तरह-तरह की चर्चा हो रही है.
यहां बताना प्रासंगिक होगा कि राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और बिहार में पहले ऐसी वारदात हुई थी. झारखंड में यह पहला मामला है. हरियाणा में चोटी कटने की घटना के बाद से लोगों में कई तरह के अंधविश्वास घर कर गये. लोगों ने अपने घरों के दरवाजों पर नींबू-मिर्च लटकाना शुरू कर दिया. लोगों ने गेट पर नीम के पत्ते लटकाये और घर के सामने की दीवार पर हाथ के पंजे के निशान बनाये, ताकि कोई बाधा उन्हें प्रभावित न करसके.
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देखतेही देखते मामला जनभ्रम की स्थिति से आगे बढ़ गया. कई जगह तो लोग हिंसा पर उतारू हो गये. आगरा में 62 वर्षीय मानदेवी को जिस तरह ग्रामीणों ने पिछले दिनों चुड़ैल समझ कर पीट-पीट कर मार डाला.झारखंड में भी ऐसी घटनओं के होने की आशंका बढ़ गयी है. वैसे भी झारखंड में अंधविश्वास बड़े पैमाने पर लोगों के मन में घर कर चुका है.
झारखंड में छोटी-सी बात कब बड़ी हो जाये, कोई नहीं जानता. सोशल मीडिया पर चीजें तेजी से फैल जाती हैं और वह हिंसा का रूप अख्तियार कर लेती हैं. लोग कानून अपने हाथ में लेने से बाज नहीं आते. पिछले दिनों बच्चा चोर गिरोह के नाम पर ही करीब एक दर्जन लोगों को या तो मार डाला गया या उनकी बेरहमी से पिटाई कर दी गयी.