पटना. अब राज्य में किसी नक्सली हमला या वारदात में त्वरित कार्रवाई करने के लिए सीआरपीएफ की एक युवा दस्ता (पलाटून) चौबीसों घंटे तैयार रहेगी. इसके तहत अगर किसी रेलवे स्टेशन या थाना या अन्य ऐसे किसी सरकारी या निजी प्रतिष्ठानों को कोई नक्सली दस्ता अपने कब्जे में लेता है, तो इसके खिलाफ त्वरित कार्रवाई की जायेगी.
सीआरपीएफ कमांडो की यह युवा दस्ता तुरंत उस स्थान पर पहुंच जायेगी और नक्सलियों के खिलाफ व्यापक कार्रवाई करेगी. अक्सर ऐसी घटनाओं में यह देखा जाता है कि किसी दूर-दराज के इलाके में मौजूद स्टेशन को नक्सली कई घंटों तक अपने कब्जे में लिये रखते हैं.
इन दूरस्थ इलाकों में सीआरपीएफ को कार्रवाई करने में समय लग जाता है. अब इस तरह की किसी परिस्थिति में त्वरित कार्रवाई करने के लिए सीआरपीएफ के विशेष तौर से प्रशिक्षित कमांडो हमेशा तैयार रहेगी. शनिवार को गया स्थित सीआरपीएफ के मुख्यालय में एक विशेष बैठक की गयी. सीआरपीएफ पटना रेंज के आइजी एमएस भाटिया की अध्यक्षता में हुई इस विशेष बैठक में इस मासले पर ठोस रणनीति को अंतिम रूप दिया गया. इस दौरान यह भी चर्चा हुआ कि बिहार-झारखंड में 28 जुलाई से एक सप्ताह तक नक्सलियों की तरफ से मनाये जाने वाले शहादत दिवस समारोह में विशेष तौर पर सतर्क रहने के लिए कहा गया. इस बैठक में डीआइजी नीरज कुमार एवं एचएस मल्ल, कमांडेंट करुणा राय एवं एसके चौधरी समेत अन्य सभी अधिकारी मौजूद थे.
बंदी के दौरान जमुई जिले के रेलवे आगमन को बाधित करने का नक्सली प्रयास करेंगे. इस तरह की घटना को रोकने के लिए सीआरपीएफ के जवानों को खासतौर से अलर्ट रहने के लिए कहा गया है. नक्सलियों के सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के मंसूबे को किसी हालत में कामयाब नहीं होने देने की बात प्रमुखता से कही गयी. आइजी ने कहा कि बिहार-झारखंड सीमा पर संयुक्त अभियान चलाने के लिए विस्तार से चर्चा की गयी. सर्च ऑपरेशन में जवानों को तमाम एसओपी का पालन करने के लिए कहा गया, ताकि किसी तरह की बड़ी क्षति नहीं हो. नक्सलियों के ठिकानों को ध्वस्त करने और उन्हें पकड़ने के लिए खासतौर से कॉम्बिंग ऑपरेशन चलाने के कहा गया.