सीएम ने शिक्षा मंत्री व अधिकारियों को किया तलब, कहा
पटना : इंटर के खराब रिजल्ट को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने काफी गंभीरता से लिया है. मुख्यमंत्री ने बुधवार को कहा कि जिन छात्रों का रिजल्ट खराब हुआ है, वे ऑनलाइन आवेदन करें. उनकी उत्तरपुस्तिकाओं का पुनर्मूल्यांकन कर एक महीने के अंदर रिजल्ट जारी किया जायेगा. साथ ही कंपार्टमेंटल परीक्षा का आयोजन भी जल्द-से-जल्द किया जायेगा, ताकि जो परीक्षार्थी असफल हुए हैं, उन्हें मौका दियाजा सके. साथ ही मुख्यमंत्री ने शिक्षा विभाग को 10वीं-12वीं का रोडमैप तैयार करने के लिए एक्शन प्लान बनाने का निर्देश दिया है.
कैबिनेट की बैठक से पहले मुख्यमंत्री ने शिक्षा मंत्री डॉ अशोक चौधरी, शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव आरके महाजन समेत अन्य अधिकारियों को तलब किया व वस्तुस्थिति की जानकारी ली थी. सीएम ने िनर्देश िदया िक 10वीं-12वीं में पढ़ाई को और मजबूत
करें. इसके लिए अतिरिक्त संसाधनों की जरूरत होगी, तो उसकी भी व्यवस्था की जायेगी. शिक्षाबहाली से लेकर अन्य संसाधनों को भी दुरुस्त करने को कहा गया है. सीएम ने शिक्षा विभाग को पूरे मामले की समीक्षा कर कार्ययोजना तैयार करने को कहा है, ताकि माध्यमिक व उच्च माध्यमिक शिक्षा को दुरुस्त किया जा सके.
मुख्यमंत्री ने कहा कि रिजल्ट का जो प्रतिशत कम आया है, उसे चुनौती के रूप में लिया जाना चाहिए. इसमें किसी प्रकार की गड़बड़ी की उम्मीद नहीं है. चुनौती से घबराना नहीं चाहिए, बल्कि उसे अवसर के रूप में लेना चाहिए. दो साल पहले कदाचार करते हुए एक फोटो वायरल हुआ, जिससे बिहार की छवि धूमिल हुई. वहीं, पिछले साल कदाचारमुक्त परीक्षा का आयोजन हुआ, लेकिन रिजल्ट घोटाला सामने आया. इसमें जो लोग दोषी थे, सभी पर कठोर कार्रवाई हुई. इस बार परीक्षा और उसके मूल्यांकन में कोई गड़बड़ी न हो, इस पर पूरा ध्यान रखा गया था.
खराब िरजल्टवाले स्कूलों पर होगी कार्रवाई : मंत्री
नीतीश कुमार के साथ लंबी चली बैठक के बाद शिक्षा मंत्री डॉ अशोक चौधरी ने कहा कि जिन स्कूलों का रिजल्ट खराब हुआ है, उन स्कूलों पर कार्रवाई होगी. वहां के प्रधानाध्यापक और शिक्षकों की जवाबदेही तय की जायेगी और उन पर कार्रवाई भी होगी. ऐसे सभी स्कूलों का डाटाबेस भी तैयार किया जायेगा. उन्होंने कहा कि मूल्यांकन के दौरान कुछ केंद्रों पर गड़बड़ी हो सकती है, इसके लिए जिन छात्रों का रिजल्ट खराब आया है, वे आवेदन कर सकेंगे और उनकी कॉपी की दोबारा जांच कर उनका रिजल्ट प्रकाशित किया जायेगा. डॉ चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने राज्य के छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने पर जोर दिया है.
3 से 12 जून तक स्क्रूटनी के लिए आवेदन
पटना : जो छात्र अपने रिजल्ट के अंक से असंतुष्ट हैं, वे स्क्रूटनी के लिए आवेदन कर सकते हैं. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने बुधवार को इसकी तिथि घोषित कर दी. तीन से 12 जून तक इसके लिए आवेदन लिये जायेंगे. समिति के अनुसार आवेदन के लिए समिति कार्यालय आने की जरूरत नहीं है. विद्यार्थी क्षेत्रीय कार्यालयों में आवेदन ऑफलाइन जमा कर सकते हैं. साथ ही विद्यार्थी ऑनलाइन भी आवेदन कर सकते हैं. इसके लिए विद्यार्थी को प्रति विषय 120 रुपये देने होंगे.
रि-टोटलिंग और छूटे हुए उत्तर का होगा मूल्यांकन : स्क्रूटनी का सारा काम 30 जून तक कर लिया जायेगा. समिति के अनुसार आवेदन लेने के साथ ही रिजल्ट भी तैयार किया जायेगा.
30 जून तक सारे आवेदनों की शिकायतें दूर कर ली जायेंगी. समिति के अध्यक्ष आनंद किशोर ने बताया कि स्क्रूटनी में जो भी आवेदन आयेंगे उनकी उत्तर पुस्तिका निकाली जायेगी. उत्तर पुस्तिका पर रि-टोटलिंग की जायेगी. इसके अलावा अगर किसी उत्तर पुस्तिका की जांच के दौरान कोई प्रश्न छूट गया होगा, तो एेसे प्रश्न का मूल्यांकन कर दोबारा अंक दिये जायेंगे.
स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड के लिए अब 100 का ही स्टांप पेपर
पटना : राज्य में स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना का लाभ ज्यादा-से-ज्यादा छात्रों को पहुंचाने के लिए सरकार ने स्टांप पेपर शुल्क में 90% कटौती की है. 12वीं पास छात्रों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने में आसानी से ऋण उपलब्ध कराने के लिए शुरू की गयी इस योजना में बैंक के साथ छात्रों के होनेवाले एकरारनामे पर अब महज 100 रुपये का स्टांप पेपर लगेगा. बुधवार को सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया.
बैठक के बाद कैबिनेट विभाग के प्रधान सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ने कहा कि कुल 13 एजेंडों पर सहमति बनी. उन्होंने कहा कि स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना को ज्यादा प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए यह विशेष पहल की गयी है. इसमें बैंकों के साथ छात्रों को एकरारनामा करवाने में अब तक एक हजार रुपये का स्टांप पेपर लगता था. अब यह एकरारनामा 100 रुपये के स्टांप पेपर पर भी हो सकता है. इसके लिए राज्य सरकार ने अनुमति दे दी गयी है.
नयी दिल्ली में बिहार अतिथिगृह के लिए 25 करोड़
नयी दिल्ली के द्वारका के फेज-1 सेक्टर-19 में दिल्ली विकास प्राधिकार से बिहार अतिथिगृह बनाने के लिए एक एकड़ जमीन ली गयी है. इसके लिए कैबिनेट ने 25 करोड़ रुपये जारी कर दिये हैं. ये रुपये बिहार आकस्मिक निधि से अग्रिम स्वीकृत किये गये हैं. साथ ही इसके लिए कुल दो एकड़ जमीन आवंटित कर दी गयी है. जल्द ही निर्माण कार्य शुरू होगा. यह अतिथिगृह वहां पहले से मौजूद दो अन्य सरकारी भवनों के अतिरिक्त होगा.
कैबिनेट के अन्य महत्वपूर्ण फैसले
– किसान सलाहकार योजना के लिए वर्ष 2017-18 में 64.24 करोड़ रुपये
– जल संसाधन विभाग में संविदा पर कार्यरत 87 कनीय अभियंता की नियोजन अवधि एक वर्ष बढ़ी
– बांका जिले के लकड़ीकोला गांव में इंजीनियरिंग कॉलेज खोलने के लिए 7.50 एकड़ जमीन विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग को ट्रांसफर
– शहरी स्थानीय निकायों एवं बिहार राज्य जल पर्षद के लिए 10021 करोड़ सहायता अनुदान
– श्रम संसाधन विभाग में 214 व्यवसाय अनुदेशकों की नियोजन अवधि 31 मई, 2018 तक बढ़ी
– गया जिले के बांकेबाजार प्रखंड की सोनदाहा जलाशय योजना के निर्माण में उपयोग हो रही वन विभाग की जमीन के बदले उसे 8.50 एकड़ गैर वन भूमि स्थानांतरित
– शेखपुरा जिले के नारायणपुर थाना क्षेत्र में बिजली आपूर्ति अवर प्रमंडलीय नियंत्रण एवं उपभोक्ता सहायता केंद्र की स्थापना के लिए जमीन मिली.
– नालंदा जिला के सिलाव प्रखंड के गोरावां गांव में जगदीशपुर-हल्दिया गैस पाइपलाइन योजना के अंतर्गत सेक्शनाइजिंग वाल्व स्टेशन बनाने के लिए गेल इंडिया को जमीन स्थानांतरित
अब 30 जून तक लाभुकों के खातों से आधार लिंक
उन्होंने कहा कि बिहार में चलनेवाली सभी जनकल्याणकारी योजनाओं के तहत सब्सिडी या स्कॉलरशिप के रूप में लाभ प्राप्त करनेवाले सभी लोगों के बैंक खातों को आधार से लिंक किया जायेगा, ताकि इन लाभुकों के बैंक खातों में सीधे आरटीजीएस या एनइएफटी के माध्यम से पैसे ट्रांसफर किये जा सकें. इसके लिए पहले समयसीमा 31 मार्च तय की गयी थी. अब इसे बढ़ा कर 30 जून, 2017 कर दिया गया है. इस समयसीमा के अंदर सभी संबंधित विभागों को अपने-अपने लाभुकों के बैंक खातों को आधार से जोड़ देना है.