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महंगाई : चीनी, दाल और तेल की कीमतों ने रसोई का बिगाड़ा जायका, एक माह में प्रति किलो सात रुपये बढ़ी चीनी की कीमत

रांची: राजधानी में खाद्य वस्तुओं की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं. पिछले एक माह में चीनी की कीमतों में सबसे अधिक प्रति किलो सात रुपये तक की तेजी आयी है. दाल की कीमतों में पांच से नौ रुपये तक की बढ़ोतरी हुई है. गेंहू भी दो से तीन रुपये किलो तेज हुआ है. सरसों तेल […]

रांची: राजधानी में खाद्य वस्तुओं की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं. पिछले एक माह में चीनी की कीमतों में सबसे अधिक प्रति किलो सात रुपये तक की तेजी आयी है. दाल की कीमतों में पांच से नौ रुपये तक की बढ़ोतरी हुई है. गेंहू भी दो से तीन रुपये किलो तेज हुआ है. सरसों तेल की कीमतें भी तीन से पांच रुपये तक बढ़ी हैं. खुदरा दुकानदारों का कहना है कि थोक मंडी में तेजी की वजह से खाद्यान्नों के दाम बढ़ रहे हैं.

आनेवाले दिनों में चीनी और खाद्य तेल की कीमतों में और ज्यादा वृद्धि की आशंका जतायी जा रही है. आटा की कीमत में ज्यादा तो नहीं, पर बढ़ोतरी हुई है. पैक्ड आटा (नेचर फ्रेश, आशीर्वाद, शक्तिभोग और अन्य) की कीमतें 290 रुपये प्रति दस किलो ही बाजार में उपलब्ध है, जबकि लूज आटा में दो रुपये तक की तेजी आयी है.
उधर, थोक मंडी के दुकानदारों का कहना है कि खाद्यान्नों के दाम लगातार बढ़ रहे हैं. कोमोडिटी एक्सचेंज में अरहर दाल, चना दाल, मूंग दाल, चना और चीनी की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं, जिसका असर आम मंडी और रिटेल दुकानदारों पर पड़ रहा है. चीनी की कीमतें बढ़ने की वजह ईख की कम पैदावार और कम पेराई होना बताया जा रहा है. दाल की कमी की वजह निर्यात पर सरकार का अत्यधिक जोर बताया गया. थोक दुकानदारों के अनुसार थोक मंडियों की कीमतें कोमोडिटी एक्सचेंज से तय होने की वजह से कीमतों पर किसी का नियंत्रण नहीं रह गया है.
केंद्र ने दालों की बढ़ती कीमतों पर स्टाॅक करने का दिया निर्देश
केंद्रीय खाद्य सार्वजनिक वितरण और उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने सभी राज्यों से अरहर दाल और उड़द दाल का स्टॉक करने का निर्देश दिया है. केंद्र स रकार ने कहा है कि बाजार में अभी भी इन दोनों दालों की कीमतें बढ़ रही हैं. पिछले वर्ष अरहर दाल 210 रुपये किलो तक बिका था. अभी इसकी कीमत 135 रुपये से 160 रुपये तक है. दालों की कमी को देखते हुए 50 हजार टन का बफर स्टॉक बनाया गया है. पहले आओ-पहले पाओ की तर्ज पर केंद्र से दाल राज्य सरकारों को दी जायेगी. सभी राज्यों को भी दाल की मिलिंग करा कर भंडारण करने के निर्देश दिये गये हैं. कृषि मंत्रालय की मानें, तो पिछले वर्ष देश में दाल का उत्पादन 17.15 मिलियन टन हुआ था.

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