रांची : दिल्ली में झारखंड भवन बनाने की सारी अड़चनें दूर हो गयी हैं. राज्य सरकार ने इसके लिए पुनर्वास की राशि का भी भुगतान कर दिया है. जमीन पूरी तरह से अतिक्रमण मुक्त हो गयी है. इसकी बाउंड्री भी करा ली गयी है़ जमीन पूरी तरह से झारखंड सरकार के कब्जे में है. फिर भी उक्त योजना पर आगे का काम शुरू नहीं हुआ है.
क्या है मामला
दिल्ली में झारखंड भवन बनाने के लिए राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से जमीन की मांग की थी. केंद्र ने दिल्ली के कनॉट प्लेस के गुरुद्वारा बंगला साहिब रोड में जमीन आवंटित किया.
इस जमीन पर दूरसंचार विभाग के कर्मियों का आवास था. झारखंड सरकार के अफसरों ने केंद्रीय अफसरों से बात करके इसे खाली कराया. जमीन लेने के लिए करीब आठ करोड़ रुपये का भुगतान राज्य सरकार ने किया था. इसमें करीब छह माह से अधिक समय लगा. इसके बाद जमीन पर पहले से बसे सिख समुदाय के लोगों ने केस कर दिया. ऐसे में न्यायालय के आदेश के आलोक में राज्य सरकार ने वहां बसे सिख समुदाय के लोगों को पुनर्वास के लिए 1.20 करोड़ रुपये मुआवजा राशि भी दी. इसके बाद उक्त लोगों ने जमीन खाली की.
साल भर पहले हुआ था शिलान्यास : झारखंड भवन बनाने के लिए एक साल पहले राज्यपाल व मुख्यमंत्री ने दिल्ली में इस योजना का शिलान्यास किया था. झारखंड भवन बनाने के लिए तब पूरी योजना तैयार थी. सरकार ने भवन निर्माण विभाग को तत्काल सारी प्रक्रिया दूर कर काम शुरू कराने को कहा था.
शानदार झारखंड भवन बनाने की है योजना : यहां पर भव्य झारखंड भवन का निर्माण होना है. इसमें राज्यपाल व मुख्यमंत्री के लिए सुइट का निर्माण किया जाना है. इसके अलावा मंत्रियों व आला अफसरों सहित अति विशिष्ट लोगों के ठहरने की पूरी व्यवस्था की जानी है. कांफ्रेंस हॉल, मीटिंग हॉल, बेहतर पार्किंग, सिक्युरिटी की सारी व्यवस्था, बेहतर कैंटीन आदि के निर्माण का यहां प्रावधान किया गया है.