Greater Noida: लोकसभा चुनाव 2024 से पहले एक बार फिर किसानों की विभिन्न समस्याओं को लेकर आंदोलन की तैयारी है. इसकी शुरुआत सोमवार से होने जा रही है. किसानों के विभिन्न मुद्दों और सरकार की उपेक्षा के खिलाफ एक बार फिर अन्नदाता सोमवार को यमुना एक्सप्रेसवे के जीरो प्वाइंट पर महापंचायत कर धरना शुरू करने जा रहे हैं. इसमें पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जनपदों सहित कई अन्य जगहों से किसानों के पहुंचने की उम्मीद है. इसके बाद बड़े आंदोलन की रणनीति तैयार की जाएगी. इस आंदोलन के जरिए सियासी पारा भी चढ़ने की उम्मीद है. भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) की ओर से लंबे आंदोलन की रणनीति के तहत प्रदर्शन स्थल पर राशन-पानी पहुंच गया है. संगठन के प्रवक्ता राकेश टिकैत लगातार सरकार पर किसानों की अनदेखी करने का आरोप लगा रहे हैं. वह यूपी, बिहार सहित अन्य जगहों पर किसानों से जुड़े मुद्दे पर प्रदर्शन में शामिल हो रहे हैं, जिससे सरकार पर दबाव बनाया जा सके. वहीं यमुना एक्सप्रेसवे के जीरो प्वांइट पर महांपचायत के लिए किसान अब डेरा जमाने के लिए पहुंच रहे हैं. किसानों के राशन पानी लेकर पहुंचने से साफ हो गया है कि वह बड़े आंदोलन की तैयारी में हैं. आंदोलन को मजबूती देने के लिए गांव-गांव जाकर अधिक से अधिक किसानों से पहुंचने का आह्वान किया जा रहा है. मौके पर मौजूद किसानों को कहना है कि अब आश्वासन पर नहीं मांगें पूरी होने पर ही धरना उठेगा. इस बार पर हम पीछे हटने को तैयार नहीं हैं.
भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष पवन खटाना के नेतृत्व में सोमवार को जीरो प्वाइंट पर अंडरपास के नीचे महापंचायत को विपक्ष का समर्थन मिलने की भी बात कही जा रही है. महापंचायत में आंदोलन की घोषणा की जाएगी. इसके साथ ही किसानों की विभिन्न मांगों को रखा जाएगा. महापंचायत में अधिक से अधिक किसानों को जुटाने के लिए गांव-गांव जाकर जनसंपर्क किया जा रहा है. सोशल मीडिया पर भी लोगों से पहुंचने का आह्वान किया जा रहा है. इसके बाद बड़ी संख्या में किसानों का पहुंचना शुरू हो गया.
भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष पवन खटाना के मुताबिक किसानों को 64.7 फीसदी मुआवजा देने, 10 फीसदी भूखंड, आवासीय भूखंड दिए जाने की मांग की रखी जाएगी. इसके साथ ही आबादी के मामलों का निस्तारण करने, जेवर एयरपोर्ट से प्रभावित किसानों को मुआवजा देने के नाम पर उत्पीड़न बंद करने, गांवों का विकास करने, शिक्षा व्यवस्था करने समेत कई मांगें शामिल हैं. किसानों की मांगे हर हाल में सरकार को पूरी करनी होगी.
इसके साथ ही लीजबैक के 237 मामलों को निरस्त करने के विरोध में सोमवार को अखिल भारतीय किसान सभा के नेतृत्व में किसान ग्रेनो प्राधिकरण पर धरना-प्रदर्शन करेंगे. किसानों का आरोप है कि प्राधिकरण के कुछ अधिकारियों की मनमानी का खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ रहा है। किसान सभा के अध्यक्ष डॉ. रुपेश वर्मा ने बताया कि शासन ने नवंबर 2020 में बिसरख जलालपुर के प्रकरणों में जांच के लिए डॉ. अरुणवीर की अध्यक्षता में एसआईटी कमेटी का गठन किया था. इसमें लीज बैक के सभी प्रकरणों को शामिल किया गया. प्राधिकरण के कुछ तत्कालीन अधिकारियों ने किसानों के विरुद्ध अपना फैसला दिया था.
किसानों की मांगों को पूरा नहीं करने के विरोध में भारतीय किसान परिषद का सोमवार को नोएडा प्राधिकरण के गेट पर महापंचायत करने का कार्यकम है. अध्यक्ष सुखबीर खलीफा ने किसानों से नोएडा प्राधिकरण के गेट पर इकठ्ठा होने के लिए कहा है. परिषद के पदाधिकारियों ने कहा कि आश्वासन के बाद भी किसानों को मुआवजा, भूखंड दिए जाने जैसी मांगें पूरी नहीं की गई हैं. ऐसे में अब किसान महापंचायत के जरिए अपनी आवाज बुलंद करेंगे, जिससे उनकी मांगों को पूरा करने के लिए अधिकारी बाध्य हो सकें.