उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के प्रमुख जयंत चौधरी ने सोमवार को लोगों से लखीमपुर खीरी कांड को नहीं भूलने और किसानों पर हो रहे अत्याचारों का बदला लेने के लिए कहा. चौधरी ने यह भी घोषणा की कि यदि उनकी पार्टी उत्तर प्रदेश में सत्ता में आती है तो पश्चिमी उत्तर प्रदेश, बुंदेलखंड और पूर्वांचल क्षेत्रों में उच्च न्यायालय की पीठें स्थापित की जाएंगी.
रालोद सुप्रीमो चौधरी ने यह भी वादा किया कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आती है, तो शादी करने वाले अंतरजातीय जोड़ों को एक लाख रुपये प्रोत्साहन इनाम दिया जाएगा और विदेशों में प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में दाखिला पाने वाले पिछड़े और दलित वर्ग के छात्रों को छात्रवृत्ति दी जाएगी. रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने सोमवार को पश्चिमी उप्र के मुजफ्फरनगर और अमरोहा जिलों में पार्टी के कार्यक्रमों के दौरान वादे किए, जो 2022 के विधानसभा चुनावों से पहले राज्य में उनके ‘आशीर्वाद पथ’ जनसंपर्क अभियान के तहत आयोजित किया गया.
रालोद के एक बयान के मुताबिक, ‘अगर उत्तर प्रदेश में पार्टी सत्ता में आती है तो हमारी सरकार पश्चिमी उप्र, बुंदेलखंड और गाजीपुर (पूर्वांचल में) में उच्च न्यायालय की पीठ स्थापित करेगी.’ उत्तर प्रदेश में अगले साल की शुरुआत में विधानसभा चुनाव होने की संभावना है। पार्टी की बैठकों के दौरान रालोद प्रमुख ने उप्र में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार पर भी निशाना साधते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मतदाताओं ने भी सरकार द्वारा किए जा रहे अत्याचारों की कल्पना नहीं की होगी.
बुढाना और रजबपुर में उपस्थित लोगों से चौधरी ने कहा, ‘लखीमपुर खीरी कांड तो आप सभी ने देखा होगा. जनता पर अत्याचार करने में सरकार ने ब्रिटिश राज को भी पीछे छोड़ दिया है. आपको लखीमपुर खीरी में शहीद हुए किसानों के नाम याद रखने चाहिए और आपको अपने वोटों के जरिए अत्याचारों का बदला लेना चाहिए.’ रालोद प्रमुख ने आरोप लगाया कि लखीमपुर खीरी मामले में आरोपी, केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा का बेटा आशीष अपने घर पर बैठा था, लेकिन उप्र पुलिस ने घटना के तुरंत बाद उसे गिरफ्तार नहीं किया.