ओडिशा ड्राइवर महासंघ की दस सूत्री मांग को लेकर स्टेयरिंग छोड़ो आंदोलन गुरुवार को दूसरे दिन भी जारी रहा. आंदोलन के कारण पूरे राज्य का जनजीवन अस्त-व्यस्त रहा. राउरकेला, राजगांगपुर सहित राज्यभर में इसका असर दिखा. बस सेवा पूरी तरह प्रभावित रही. वहीं, टैक्सी व टेंपो सेवा भी ठप रही. इस आंदोलन का असर गुरुवार को विधानसभा में देखने को मिला. कांग्रेस विधायक दल के नेता नरसिंह मिश्र व प्रतिपक्ष के नेता जयनारायण मिश्र ने इस मुद्दे को उठाया. हंगामा के कारण सदन को 10 मिनट के लिए स्थगित करना पड़ा. बाद में विधानसभा अध्यक्ष ने इस मामले को लेकर एक सर्वदलीय बैठक बुलायी. शून्यकाल में इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस विधायक दल के नेता नरसिंह मिश्र राज्य सरकार पर बरसे.
प्रतिपक्ष के विधायकों द्वारा हंगामे के बाद विधानसभा अध्यक्ष विक्रम केसरी आरुख ने राज्य सरकार को इस बारे में लिये गये निर्णय के बारे में सदन में बयान देने के लिए निर्देश दिया है. उन्होंने राज्य के परिवहन मंत्री से कहा है कि वह ड्राइवर संघ के पदाधिकारियों से चर्चा करें और इस संबंध में शुक्रवार को सदन में बयान दें. सर्वदलीय बैठक के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने सदन में इस संबंध में राज्य सरकार को निर्देश दिया.
ओडिशा ड्राइवर महासंघ द्वारा आहूत स्टेयरिंग छोड़ो आंदोलन से स्थानीय कारखानों से माल लाद कर सैकड़ों की संख्या में ट्रक गत दो दिनों से खड़े हैं. इसको लेकर राजगांगपुर ट्रक मालिक संघ के सदस्यों ने राजगांगपुर एसडीपीओ अभिषेक पाणिग्रही से मुलाकात कर ड्राइवर संघ के आंदोलन पर बातचीत की. ट्रक मालिक संघ का कहना है कि यहां 50 प्रतिशत से अधिक ड्राइवर बाहर के राज्यों के हैं, जो ना ही ओडिशा ड्राइवर महासंघ के सदस्य हैं और ना ही उनका इस आंदोलन से कोई लेना-देना है. वे अपना काम करना चाहते हैं. लेकिन, महासंघ के सदस्य उन्हें गाड़ी ले जाने नहीं दे रहे. एसडीपीओ पाणिग्रही से इस विषय पर आंदोलनकारियों से बात कर सुलझाने की सलाह दी.
राज्य राजमार्ग के दोनों तरफ वाहनों की संख्या बढ़ती जा रही है. जरूरी सामान सब्जी, आलू प्याज, मछली परिवहन करने वाली गाड़ियों को रोके जाने की सूचना पर प्रशासन द्वारा उन्हें अपने गंतव्य जगहों के लिए रवाना किया गया. बसों के नहीं चलने से यात्रियों को राउरकेला व सुंदरगढ़ की ओर जाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा. वहीं, स्टेशन से उतरकर घर जाने के लिए ऑटो ना होने से यात्रियों को अधिक किराया देकर जाना पड़ा.