ओडिशा के क्योंझर जिले के वन में रविवार को एक हाथी का शव मिला. वन अधिकारियों ने यह जानकारी दी. वन अधिकारियों ने बताया कि 11 हजार किलोवाट वाले बिजली के तार की चपेट में आने पर हाथी की मौत हुई. पुलिस ने बताया कि स्थानीय लोगों की सूचना पर रविवार सुबह वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे. अधिकारी के मुताबिक हाथी के एक ही दांत थे. क्योंझर मंडल के (Divisional Forest Officer)वन मंडल अधिकारी (डीएफओ) एचडी धनराज ने बताया, कि प्रथम दृष्टया यह करंट लगने से हुई मौत का मामला लगता है.
हाथी, बिजली के खंभे से सटे तार के संपर्क में आया, जिससे उसकी मौत हो गयी. वन और पशु अधिकार कार्यकर्ता बिस्वजीत मोहंती ने हाथी की मौत के लिए बिजली अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराते हुए उसकी तत्काल गिरफ्तारी की मांग की. ओडिशा के वन और पर्यावरण मंत्री प्रदीप कुमार अमत ने 14 मार्च को राज्य विधानसभा में बताया था कि 2012-13 से 2021-22 तक राज्य में 784 हाथियों की मौत हुई है.
मानव और जानवरों के बीच टकराव घटने का नाम नहीं ले रहा है. आये दिन कहीं ना कहीं से हाथी या अन्य जंगली जानवरों की चपेट में आने से जान या माल के नुकसान की खबर आती है. हाथी जंगलों से बाहर आ जा रहे हैं. गांव में घुसकर ग्रामीणों के सामान को नुकसान पहुंचा रहे हैं. विशेषज्ञ मानते हैं कि झारखंड में ज्यादा मौत हाथियों से टकराव के कारण हो रही है.
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प्रतिरोधक (इंसुलेटर) टूटा हुआ था. इसी कारण बिजली का करंट खंभे तक पहुंच गया. इसे बदला जाना था, लेकिन दुर्भाग्य से ऐसा नहीं किया गया. इस घटना को टाला जा सकता था.
एचडी धनराज, डीएफओ