20.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

ओड़िया दैनिक ‘संबाद’ के कार्यालय पर EOW ने मारा छापा, विधायक सौम्य रंजन पटनायक का है यह दफ्तर

ओडिशा पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने भारतीय दंड संहिता (आइपीसी) की धारा 420 (धोखाधड़ी) और 120-बी (साजिश) सहित अन्य प्रासंगिक धाराओं के तहत मामला दर्ज करने के बाद इओडब्ल्यू की अलग-अलग टीमों ने छापेमारी कर ओड़िया दैनिक 'संबाद' के कार्यालय से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किये.

ओडिशा पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (इओडब्ल्यू) ने बीजू जनता दल (बीजद) के वरिष्ठ नेता और खंडपाड़ा से विधायक सौम्य रंजन पटनायक के ओड़िया दैनिक ‘संबाद’ के कार्यालय पर छापा मारा. एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, जांच इकाई के भारतीय दंड संहिता (आइपीसी) की धारा 420 (धोखाधड़ी) और 120-बी (साजिश) सहित अन्य प्रासंगिक धाराओं के तहत मामला दर्ज करने के बाद इओडब्ल्यू की अलग-अलग टीमों ने छापेमारी कर कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किये. ओड़िया दैनिक ‘संबाद’ ने एक बयान में कहा कि उसने जांच में कानून प्रवर्तन एजेंसी के साथ पूरा सहयोग किया. अखबार ने पूरे मामले को राजनीतिक प्रतिशोध की कार्रवाई और प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला करार दिया. ओडिशा में सत्तारूढ़ बीजद ने सौम्य रंजन पटनायक द्वारा लिखे गए कुछ संपादकीय लेखों (8 अगस्त और 27 अगस्त को) और टेलीविजन चैनलों पर सरकार तथा नौकरशाही के प्रभाव में वृद्धि को लेकर दिये गये बयानों को लेकर 12 सितंबर को पार्टी के उपाध्यक्ष पद से हटा दिया था. यह मामला उन आरोपों के बाद सामने आया कि ओड़िया दैनिक ‘संबाद’ के कर्मचारियों को धमकी देकर ऋण लेने के लिए मजबूर किया गया था.

आधिकारियों ने क्या कहा

आधिकारिक बयान में कहा गया है कि करोड़ों रुपये की ऋण राशि कर्मचारियों को नहीं दी गयी, बल्कि कथित तौर पर उनकी नियोक्ता कंपनी ‘ईस्टर्न मीडिया लिमिटेड भुवनेश्वर’ द्वारा इस्तेमाल की गयी. संबाद/ईस्टर्न मीडिया लिमिटेड भुवनेश्वर के पूर्व कर्मचारी असीम महापात्र की शिकायत के बाद बैजयंती कर (एचआर मैनेजर), सौम्य रंजन पटनायक (संपादक) और अन्य के खिलाफ इस साल 16 सितंबर को मामला दर्ज किया गया था.

क्या है पूरा विवाद

विधायक ने अपनी शिकायत में धोखाधड़ी, जालसाजी और आपराधिक धमकी सहित बैंक ऋण धोखाधड़ी के गंभीर आरोप लगाये हैं. अधिकारियों ने कहा कि आरोपियों ने कथित तौर पर महापात्र की इच्छा और भुगतान क्षमता के खिलाफ उसे बैंक ऋण से संबंधित फॉर्म पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया था. पूर्व कर्मचारी ने कहा कि उसे बाद में पता चला कि उसके नाम पर पांच लाख रुपये का ऋण लिया गया था, लेकिन वास्तव में इसका इस्तेमाल संबाद/ईस्टर्न मीडिया लिमिटेड भुवनेश्वर द्वारा किया गया था. ईओडब्ल्यू के बयान के मुताबिक, कर्मचारियों को ऋण की राशि से एक पैसा भी नहीं मिला. उन्हें दो अलग-अलग बैंकों में दो अलग-अलग मौकों पर ऐसे ऋण के लिए हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया गया. ईओडब्ल्यू ने कहा कि जांच के दौरान कुछ महत्वपूर्ण गवाहों से पूछताछ की गयी. उसने कहा कि संबाद के कार्यालय में तलाशी के दौरान कई आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए हैं. अब तक संबाद के 15-20 पूर्व कर्मचारी जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल कर उनके नाम पर जबरन ऋण लेने की शिकायत लेकर सामने आये हैं.

Also Read: Odisha Teacher Recruitment 2023: 20,000 से अधिक रिक्तियों की घोषणा, इस दिन से कर सकेंगे आवेदन

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें