बंगाल की खाड़ी में लो प्रेशर एरिया बनने से पहले छत्तीसगढ़ में बराज से पानी छोड़ा गया, तो ओडिशा के हीराकुद बांध से भी रविवार को मौसम में पहली बार बाढ़ का पानी छोड़ना पड़ा. हीराकुद जंगल ओडिशा के संबलपुर जिले में है. अधिकारियों ने महानदी में इस मौसम में पहली बार बाढ़ का पानी छोड़ा है. जलाशय का जलस्तर लगातार बढ़ने की वजह से पानी छोड़ा गया.
हीराकुद का लगातार बढ़ रहा था जलस्तर
महानदी के ऊपरी प्रवाह में भारी बारिश के कारण हीराकुद जलाशय में जल स्तर लगातार बढ़ रहा था. इसी बीच, पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ में कुछ बैराज के अधिकारियों ने बाढ़ का पानी छोड़ दिया, जो हीराकुंड जलाशय में आ गया. इससे जलाशय में जलस्तर उच्चतम सीमा 630 फुट के मुकाबले 613 फुट तक पहुंच गया था.
चार और फाटक खोले जायेंगे
अधिकारियों ने कहा कि बाढ़ का पानी सबसे पहले सुबह नौ बजे बांध के फाटक संख्या सात से छोड़ा गया था. इसके बाद चरणबद्ध तरीके से चार और फाटक खोले जायेंगे. पानी के छोड़े जाने से महानदी और उसकी सहायक नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी हो जायेगी. ओडिशा सरकार ने महानदी की निचली धारा से जुड़े जिलों के लिए अलर्ट जारी कर लोगों को नदी में नहीं जाने की चेतावनी दी है, क्योंकि पानी छोड़े जाने के कारण नदी के जल स्तर में अचानक बढ़ोतरी हो सकती है.
हीराकुद बांध में हैं 98 फाटक
हीराकुद बांध में बाढ़ का पानी छोड़ने के लिए 98 फाटक मौजूद हैं. भारत मौसम विज्ञान विभाग ने ओडिशा में 24 जुलाई को एक ताजा कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना के बीच राज्य में आगामी चार दिनों तक बारिश का पुर्वानुमान जताया है.
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