ओडिशा को 2019, 2020 और 2021 में लगातार तीन वर्ष तक गर्मियों में चक्रवात का सामना करना पड़ा था. ऐसे में राज्य सरकार ने इस साल चक्रवात आने की स्थिति में उससे निबटने की तैयारियां शुरू कर दी हैं, जबकि भारत मौसम विज्ञान विभाग (आइएमडी) ने अगले एक पखवाड़े में बंगाल की खाड़ी के ऊपर निम्न दबाव वाला क्षेत्र बनने का कोई पूर्वानुमान नहीं जताया है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ओडिशा सरकार ने एक मई से सभी जिलों में सातों दिन, चौबीसों घंटे काम करने वाले नियंत्रण कक्ष स्थापित करने का फैसला किया है, ताकि स्थिति पर नजर रखी जा सके.
अधिकारी के मुताबिक, चक्रवात की स्थिति में उससे निबटने की राज्य सरकार की तैयारियों की समीक्षा करने के लिए बुधवार को मुख्य सचिव पीके जेना की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बैठक हुई, जिसमें सभी जिलों में नियंत्रण कक्ष स्थापित करने का निर्णय लिया गया. अधिकारी के अनुसार, बैठक में जेना ने राजस्व एवं आपदा प्रबंधन, ग्रामीण विकास, आवास एवं शहरी विकास, स्वास्थ्य, गृह, पंचायती राज और पेयजल सहित अन्य विभागों को गर्मियों में ओडिशा में चक्रवात आने की स्थिति में उससे निबटने के लिए तैयार रहने को कहा. उन्होंने बताया कि बैठक में पारादीप और गोपालपुर में तैनात डॉपलर रडार से आंकड़े प्राप्त करने के मुद्दे पर भी चर्चा की गयी. ये दोनों रडार गर्मियों में बंगाल की खाड़ी के ऊपर बनने वाले किसी भी चक्रवात का पता लगाने में मदद करेंगे.
राज्य सरकार ने चक्रवात के दौरान निर्बाध सेवाएं सुनिश्चित करने और लोगों को अलर्ट भेजने के लिए कहा है. बै एक अधिकारी ने कहा कि चूंकि, पुरी में 20 जून को एक उत्सव का आयोजन किया जाना है, इसलिए उसे छोड़कर ओडिशा के प्रत्येक जिले में 18 और 19 जून को ‘साइक्लोन मॉक ड्रिल’ आयोजित की जायेगी. 317 दमकल केंद्रों के अधिकारियों को किसी भी स्थिति से निबटने के लिए तैयार रखा गया है.
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मुख्य सचिव के कार्यालय से जारी एक बयान में कहा गया है कि इस साल गर्मियों में ओडिशा में किसी भी चक्रवात के आने की स्थिति में बचाव और पुनर्वास कार्य के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के कम से कम 17 दलों को तैनात किया जायेगा. चक्रवात की स्थिति में लोगों को अस्थायी आश्रय प्रदान करने के लिए राज्य में कुल 879 बहुउद्देशीय चक्रवात/बाढ़ केंद्र स्थापित किए हैं.