ओडिशा के मलकानगिरी जिले में विशेष रूप से संकटग्रस्त बोंडा जनजाति से ताल्लुक रखने वाली 20 वर्षीय कर्मा मुदुली को राज्य सरकार ने पढ़ाई जारी रखने में मदद करने का भरोसा दिया है. राज्य सरकार ने यह कदम सोशल मीडिया पर वायरल मुदुली के वीडियो पर संज्ञान लेते हुए उठाया, जिसमें वह पढ़ाई का खर्च उठाने के लिए दिहाड़ी मजदूरी करती दिख रही है.
मलकानगिरी के खैरापुट ब्लॉक की है कर्मा
मलकानगिरी के खैरापुट ब्लॉक के पेडिगुडा गांव की निवासी कर्मा मुदुल इस समय भुवनेश्वर के रमा देवी महिला विश्वविद्यालय में स्नातक की पढ़ाई कर रही है. वह गरीब माता-पिता की चार संतानों में से एक है और उसके माता-पिता भी दिहाड़ी मजदूरी करते हैं. सोशल मीडिया पर दो दिन पहले वायरल हुआ वीडियो मलकानगिरी का है, जब वह गर्मियों की छुट्टी में आयी थी और पढ़ाई का खर्च उठाने के लिए मजदूरी करती दिख रही है.
जिले में अव्वल आयी थी कर्मा
राज्य के अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति विभाग द्वारा गोविंदपल्ली में संचालित राजकीय उच्चतर माध्यमिक स्कूल से कर्मा ने पिछले साल 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की थी और जिले में प्रथम स्थान प्राप्त किया था. उसे परीक्षा में 82.66 प्रतिशत अंक मिले थे.
धर्मार्थ ट्रस्ट से कर्मा को मिल रही कुछ राशि
कर्मा ने संवादादाताओं को बताया, ‘धर्मार्थ ट्रस्ट से मुझे कुछ राशि मिल रही है, लेकिन दैनिक खर्चों, छात्रावास शुल्क, विश्वविद्यालय शुल्क, किताबों और अन्य चीजों के लिए करीब तीन हजार रुपये महीने की जरूरत होती है. मैं गर्मियों की छुट्टियों में मजदूरी कर कुछ पैसे कमाने चाहती हूं.’ कर्मा ने बताया कि जिले के अधिकारियों ने भरोसा दिया है कि वे उसका सारा खर्च उठायेंगे.
कर्मा को दिये 30 हजार रुपये, लैपटॉप भी मिलेगा
कर्मा ने कहा, ‘मुझे बताया गया है कि सरकार मुख्यमंत्री राहत कोष से मेरी पढ़ाई का खर्च उठायेगी. अब मैं पूरी तरह से पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करूंगी.’ मलकानगिरी के जिला कल्याण अधिकारी (डीडब्ल्यूओ) प्रफुल्ल कुमार भुजबल ने कहा कि कर्मा को बुधवार को 30 हजार रुपये का चेक दिया गया. उसे जल्द लैपटॉप भी दिया जायेगा.
कर्मा को मिल रही 13 हजार रुपये की छात्रवृत्ति
डीब्ल्यूओ ने बताया कि कर्मा को मैट्रिक उपरांत छात्रवृत्ति के तहत सालाना 13 हजार रुपये मिल रहे हैं, जिनमें से 10 हजार रुपये छात्रावास के लिए और तीन हजार रुपये स्कूल फीस के लिए हैं. डीडब्ल्यूओ ने बताया कि उसके परिवार को भी मुदुलीपाड़ा स्थित बोंडा विकास एजेंसी से मदद मिल रही है, जबकि उसके माता-पिता मधु बाबू पेंशन योजना के तहत वृद्धापेंशन का लाभ उठा रहे हैं.
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सुमिता मृदुली को भी मिला मदद का भरोसा
कर्मा की तरह समुदाय की एक अन्य लड़की सुमिता मुदुली भी मलकानगिरी स्थित बीजू पटनायक महाविद्यालय में कला संकाय की छात्रा है और वह भी मजदूरी करती है. उसे भी अधिकारियों ने सहायता का भरोसा दिया है. कर्मा और सुमिता बुधवार को उस निर्माण स्थल से चली गयीं, जहां पर वे मजदूरी कर रहीं थीं.