केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी ‘ऊर्जा गंगा’ पाइपलाइन अब पूर्वी राज्यों बिहार, झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल को सस्ती प्राकृतिक गैस की आपूर्ति करने के लिए तैयार है. आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी. परंपरागत रूप से प्राकृतिक गैस का इस्तेमाल बिजली और उर्वरक उत्पादन में किया जाता है. इसे वाहन ईंधन सीएनजी और रसोई में इस्तेमाल होने वाली गैस पीएनजी में भी बदला जाता है.
अभी तक यह गैस सिर्फ पश्चिमी और उत्तरी क्षेत्रों में उपलब्ध थी. इसकी वजह यह है कि गैस को स्रोत से यूजर्स तक पहुंचाने वाली पाइपलाइन सिर्फ इन क्षेत्रों तक सीमित थी. बता दें कि गैस पाइपलाइन गैस के परिवहन का सबसे सस्ता साधन है. जगदीशपुर-हल्दिया-बोकारो-धामरा पाइपलाइन (जेएचबीडीपीएल) को प्रधानमंत्री ऊर्जा गंगा पाइपलाइन कहा जाता है.
भारत के पूर्वी राज्यों में गैस परिवहन के लिए जेएचबीडीपीएल बिछाने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की गेल (इंडिया) लिमिटेड को अधिकृत किया गया था. सरकार की महत्वाकांक्षी ‘ऊर्जा गंगा’ पाइपलाइन परियोजना से देश के आंतरिक या भीतरी इलाकों तक सस्ती प्राकृतिक गैस की कीमतों का लाभ पहुंचाने में मदद मिली है.
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जेएचबीडीपीएल के तहत गेल बरौनी-गुवाहाटी पाइपलाइन भी बिछा रही है, जो पूर्वोत्तर गैस ग्रिड पाइपलाइन के लिए स्रोत का काम करेगी. प्रधानमंत्री ऊर्जा गंगा पाइपलाइन परियोजना के माध्यम से देश के पूर्वोत्तर इलाके के पूरे भौगोलिक क्षेत्र को जोड़ने की योजना है.