ओडिशा सरकार ने 10 माह पूर्व जो निर्णय लिया था, अब उसे बदलने जा रही है. सरकार ठेके पर प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति करने जा रही है, लेकिन अलग ढंग से सरकार ने यह कार्य किया है. अब राज्य सरकार ने कनिष्ठ शिक्षक नियुक्ति की नियमावली में संशोधन किया है. अब पहली से पांचवीं कक्षा तक के शिक्षकों की नियुक्ति का जिम्मा जिला परिषद के अधीन रहेगा. इसी तरह छठी से आठवीं कक्षा तक की कक्षाओं के शिक्षकों को ठेके पर नियुक्ति समग्र शिक्षा योजना में दी जाएगी.
ओडिशा कॉन्ट्रैक्ट आधारित कर्मचारी महासंघ ने राज्य सरकार के इस निर्णय का विरोध किया है. संघ के अध्यक्ष विजय मल्ल ने कहा कि राज्य सरकार ने शिक्षकों के लिए 20 हजार पदों को भरने का निर्णय किया है, जिसका हम स्वागत करते हैं. लेकिन इन पदों को नियमित की बजाय कॉन्ट्रैक्ट पर भरने का निर्णय काफी दुर्भाग्यपूर्ण है. राज्य सरकार ने निविदा आधारित नौकरी की प्रथा को खत्म करने की घोषणा की थी. अब फिर से इसे लागू करना ठीक नहीं है. हम इसका विरोध करते हैं.
राज्य सरकार शिक्षित युवाओं के साथ खेल रही है : कांग्रेस
कॉन्ट्रैक्ट पर कनिष्ठ शिक्षकों को नियुक्ति किए जाने की जो बात सामने आ रही है, वह दुर्भाग्यपूर्ण है. कांग्रेस विधायक तारा प्रसाद वाहिनीपति ने इस मामले मे प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए यह बात कही. श्री वाहिनीपति ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने हाल ही में घोषणा की थी कि ठेके पर नियुक्ति की प्रथा ओडिशा से समाप्त हो गयी. उस समय सभी ने इसका स्वागत किया था.
वर्तमान में राज्य में लगभग एक लाख पद रिक्त हैं. राज्य सरकार ने 20 हजार पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू की है. यह केवल चुनाव को ध्यान में रख कर है. चुनाव के बाद इन लोगों को हटा दिया जाएगा. उन्होंने सवाल किया कि सीधे नियुक्ति राज्य सरकार क्यों नहीं दे रही है. उन्होंने कहा कि यदि मुख्यमत्री ने ठेके पर नियुक्ति की प्रथा बंद करने की घोषणा की थी, तो यह क्या है. उन्होंने कहा कि नवीन सरकार राज्य के युवाओं के साथ खिलवाड़ कर रही है.
20 हजार शिक्षकों को योजना आधारित नियुक्ति दी जाएगी : जन शिक्षा सचिव
राज्य के जन शिक्षा विभाग के सचिव अश्वथी एस ने कहा है कि समग्र शिक्षा नियमावली के अनुसार 20 हजार शिक्षकों को योजना आधारित नियुक्ति दी जाएगी. उन्होंने कहा कि ओडिशा स्टेट एजुकेशन प्रोग्राम अथॉरिटी (ओसेपा) द्वारा इस संबंध मे विज्ञापन जारी किये जाएंगे. वर्ष 2016 से नियुक्ति बंद थी. सात साल बाद यह पुनः प्रारंभ हो रही है. हमें उम्मीद है कि बिना किसी रुकावट व समस्या के यह प्रक्रिया पूर्ण होगी.
उन्होंने कहा कि ये नियुक्तियां योजना आधारित होंगी. राज्य सरकार की ओर से इसमें ढील दी गई है. समग्र शिक्षा के तहत नियुक्तियां हो रही हैं लेकिन इन्हें नियमित करने का निर्णय किया गया है. उन्हें नियमित किया जाएगा, लेकिन किस प्रक्रिया से उन्हें नियमित किया जाएगा, इस संबंध में विज्ञप्ति में बताया गया है. उन्होंने कहा कि नियुक्ति के संबंध में आवेदकारी केवल ओसेपा की वेबसाइट से ही जानकारी लें और किसी अन्य़ वेबसाइट पर न जाएं.