राउरकेला स्टील प्लांट (आरएसपी) के कर्मचारियों को गत वर्ष मिले 40,500 रुपये से अधिक बोनस समेत ठेका श्रमिकों को 20 फीसद बोनस की मांग समेत अन्य मांगों पर सीटू की ओर से गुरुवार को बिसरा चौक पर प्रदर्शन किया गया. इसमें श्रमिक नेता श्रीमंत बेहरा की अध्यक्षता में यह प्रदर्शन सुबह आठ बजे से शुरू होकर नौ बजे तक चला. इस दौरान अपनी मांगों के समर्थन में जमकर नारेबाजी की गयी व मांगें पूरी न होने पर आगामी दिनों में आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी गयी. इस प्रदर्शन में राजकिशोर प्रधान, रत्नाकर नायक, सुरेश बेउरिया, संग्राम सामल, ययातिकेसरी साहु, जीवन बरिहा, बीपी महापात्र, लक्ष्मीधर नायक, प्रभात मोहंती, विश्वजीत मांझी, दिवाकर महाराणा, सूर्यकांत बारिक व अन्य शामिल रहे.
बोनस के मुद्दे पर बीएमएस, इंटक व एचएमएस पर लगाया संगीन आरोप
इस प्रदर्शन में सीटू के नेताओं ने बीएमएस, इंटक व एचएसएम पर संगीन आरोप लगाते हुए कहा है कि गत आठ फरवरी को इन तीनों यूनियनों ने सीटू के विरोध के बाद भी एनजेसीएस कोर कमेटी की बैठक में बहुमत के आधार पर त्रुटिपूर्ण श्रमिक विरोधी एनजेसीएस बोनस एमओयू पर हस्ताक्षर किया है. जिससे सीटू ने आशंका जतायी है कि इस त्रुटिपूर्ण समझौते के कारण कर्मचारियों को गत वर्ष से 30 फीसदी कम अथवा 28 हजार रुपये बोनस मिलेगा. लेकिन सीटू गत वर्ष से अधिक बोनस,ठेका श्रमिकोें को 20 फीसद बोनस की मांग पर अडिग है.
इसलिए देना चाहिए अधिक बोनस
इस प्रदर्शन में शामिल सीटू के नेताओं ने कहा कि चालू आर्थिक वर्ष में सेल के इतिहास में पहली बार एक लाख करोड़ रुपयों से अधिक का आर्थिक कारोबार हु्आ है. आर्थिक वर्ष 2020-21 में 70 हजार करोड़ रुपये, 2021-22 में एक लाख चार हजार करोड़ तथा 2022-23 में एक लाख पांच हजार करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार हुआ है. इससे आगामी दुर्गापूजा पर कंपनी हमें कितना बोनस देगी, यह सवाल कर्मचारियों के मन में है. सीटू ने दावा किया है कि गत वर्ष सीटू के नेतृत्व में दुर्गापुर में आंदोलन करने के बाद 40,500 रुपयों का बोनस मिला था.
क्या हैं सीटू की मांगें
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त्रुटिपूर्ण श्रमिक विरोधी समझौता वापस लो व इस्पात श्रमिकोंं को गत वर्ष के बोनस से अधिक बोनस, ठेका श्रमिकों को 20 फीसद बोनस व लाभांश से एक्सग्रेसिया दो.
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एनजेसीएस में सहमति के आधार पर स्थायी व ठेका श्रमिकों का वेतन समझौता हो.
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13 फीसद एमजीबी पर दो इंक्रीमेंट प्रदान करें
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39 महीनों का बकाया एरियर प्रदान करें
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ग्रेच्यूटी की सीलिंग वापस लें.
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खदान अंचल में डीएएसए (दासा) 10 फीसदी दें.
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सेल पेंशन कार्यकारी करें.
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सेल का निजीकरण बंद करें.
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36 हजार करोड़ रुपये से आरएसपी का आधुनिकीकरण व प्रसार हो.