11.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

संपत्तियों पर सिमटी सियासत

आर राजगोपालन राजनीतिक विश्लेषक तमिलनाडु की इ पलानीसामी सरकार द्वारा जयललिता की संपत्ति की नीलामी के आदेश ने शशिकला परिवार के लिए तो मुसीबत खड़ी कर दी है, दूसरी ओर उनके शिविर में एक नये सियासी संकट की पृष्ठभूमि भी बन गयी है. क्या पलानीसामी तथा शशिकला के बीच तीव्र मतभेद एआइएडीएमके में तीसरे विभाजन […]

आर राजगोपालन
राजनीतिक विश्लेषक
तमिलनाडु की इ पलानीसामी सरकार द्वारा जयललिता की संपत्ति की नीलामी के आदेश ने शशिकला परिवार के लिए तो मुसीबत खड़ी कर दी है, दूसरी ओर उनके शिविर में एक नये सियासी संकट की पृष्ठभूमि भी बन गयी है. क्या पलानीसामी तथा शशिकला के बीच तीव्र मतभेद एआइएडीएमके में तीसरे विभाजन को जन्म देंगे अथवा एक ऐसा संकट पैदा कर देंगे, जो पलानीसामी सरकार को धराशायी कर देगा? दिलचस्प यह है कि पार्टी का ओ पन्नीरसेल्वम (ओपीएस) धड़ा शशिकला समर्थकों को यह कह कर उकसा रहा है कि अम्मा की सरकार ही अम्मा की संपत्ति नीलाम कर रही है. वैसे यह तय है कि यह विवाद पलानीसामी खेमे को नुकसान पहुंचा कर ही दम लेगा.
तमिलनाडु सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आधार पर राज्य के छह जिलों में स्थित जयललिता की इन संपत्तियों की नीलामी के आदेश उन जिलों के जिलाधिकारियों को जारी कर दिये हैं.
शशिकला खेमे में इसकी गुपचुप तैयारी चल रही है कि नीलामी के वक्त नीलामी केंद्रों पर भारी भीड़ पहुंचा कर और शशिकला के परिजनों द्वारा सबसे ऊंची बोली लगा कर इन संपत्तियों को खरीद लिया जाये, ताकि ये उनके ही पास रह जायें.
पलानीसामी मंत्रिमंडल के कुछ वैसे वरीय मंत्रियों ने, जिनकी वफादारी शशिकला के साथ है, इस घटनाक्रम पर अपनी बेचैनी का इजहार कर दिया है. उन्होंने मुख्यमंत्री से सुप्रीम कोर्ट में एक अपील दायर कर इस प्रक्रिया को विलंबित करने की सिफारिश की थी, ताकि इस मुद्दे पर जेल में बंद शशिकला के विचार जाने जा सकें.
अभी पार्टी के 25 से 30 विधायकों की वफादारी शशिकला के साथ बनी हुई है, जो पलानीसामी के लिए खतरे पैदा कर सकते हैं. किंतु पलानीसामी ने इन तथ्यों को नजरअंदाज करते हुए मुख्य सचिव गिरिजा वैद्यनाथन को यह निर्देश दिया कि वे भ्रष्टाचाररोधी एवं निगरानी निदेशालय को आदेश जारी करें कि वह इन संपत्तियों के विषय में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन की दिशा में आगे बढ़े.
ऐसे में, दिनाकरन की प्रतिक्रिया क्या होगी? दिल्ली के तिहाड़ में बंद दिनाकरन से मिलनेवाले समर्थक उनसे यह पूछ रहे हैं कि अम्मा की विरासत तले बनी सरकार उनकी ही संपत्ति कैसे नीलामी पर चढ़ा सकती है, जबकि सरकार को यह चाहिए था कि वह इस आदेश पर सुप्रीम कोर्ट की रोक हासिल करने की कोशिश करती.
ओपीएस धड़ा भी यह समझ रहा है कि अम्मा द्वारा अर्जित संपत्ति पार्टी समर्थकों के लिए एक भावनात्मक मुद्दा है. ओपीएस धड़े के प्रवक्ता ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जयललिता की संपत्ति नीलाम कर दी जानी चाहिए. मगर, सत्तारूढ़ एआइएडीएमके इसके विरुद्ध अपील कर उसके अगले फैसले का इंतजार भी तो कर सकता था. इस तरह, शशिकला शिविर की फूट की आग में ओपीएस धड़ा घी डाल रहा है.
मीडिया में यह मुद्दा जिस तरह छाया हुआ है, उससे अत्यंत हर्षित इस धड़े की इच्छा है कि यह पलानीसामी सरकार के पतन की वजह बन जाये. इसलिए यह धड़ा 125 संपत्तियों पर मीडिया में आ रही जनप्रतिक्रिया पर बारीक नजर रख रहा है. यह एक सार्वजनिक मुद्दा है, इसलिए इन संपत्तियों से संबद्ध विस्तृत रिपोर्टिंग ने लोगों की जिज्ञासा उभार दी है. यह मुद्दा शशिकला के विरुद्ध भावनाएं भड़काने के लिए बीज का काम भी कर सकता है. ओपीएस धड़ा इसी का फायदा अपने पक्ष में उठाना चाहता है.
इस घटनाक्रम ने शशिकला शिविर को तनाव में डाल दिया है. इस शिविर की इच्छा यह जानने में है कि पिछले दिनों प्रधानमंत्री मोदी एवं पलानीसामी के बीच हुई एकांत वार्ता में क्या हुआ, जिसमें पलानीसामी इस आशंका से शशिकला शिविर के किसी वरीय नेता की बजाय अपने साथ अपने निकट संबंधी मनिकम को ले गये कि उनकी योजनाओं के भेद शशिकला तक न पहुंच जायें. यह संयोग भी कुछ रहस्य जैसा रहा कि मोदी-पलानीसामी की इस मुलाकात के बाद ही मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को अम्मा की संपत्ति नीलाम करने के आदेश दे दिये.
जयललिता की निकट रिश्तेदार दीपा पोएस गार्डन संपत्ति की संभावित उत्तराधिकारी प्रतीत होती हैं. पर, जयललिता द्वारा कोई वसीयतनामा न छोड़ जाने की वजह से दीपा को इस संपत्ति पर अपना हक हासिल करने को कानूनी प्रक्रिया की शुरुआत करनी होगी. फिर तमिलनाडु सरकार इसे एक स्मारक के रूप में संरक्षित करना भी चाहती है. ओपीएस धड़ा भी यही मांग करता रहा है. इस मांग में चाल यह है कि इससे पोएस गार्डन पर शशिकला का नियंत्रण समाप्त हो जायेगा.
आनेवाले सप्ताहों में इन संपत्तियों को लेकर मीडिया तथा ओपीएस धड़े द्वारा अन्य कई जटिलताएं उद्घाटित किये जाने की संभावनाएं हैं. एआइएडीएमके के दोनों खेमों में चल रहे आंतरिक तथा सियासी घटनाक्रम का विश्लेषण चाहे आप जिस तरह भी करें, जहां तक तमिलनाडु का प्रश्न है, इतना तो निश्चित है कि आगे आनेवाले दिन खासे दिलचस्प होने की संभावनाएं समेटे लगते हैं.
(अनुवाद: विजय नंदन)

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें