31.9 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

जाति-पांत छोड़ विकास को मुद्दा बनायें

भारतीय लोकतंत्र के प्रारंभिक चरण से ही मतदाताओं को प्रलोभन देकर लुभाने की प्रक्रि या की शुरु आत हो चुकी थी. लेकिन नेहरू-इंदिरा के दौर और आज के बीच काफी विषमताएं हैं. नेहरू-इंदिरा के दौर तक भारत में जीवन की मूलभूत जरूरतों में से एक शिक्षा का अत्यधिक अभाव था. अशिक्षित होने के कारण लोगों […]

भारतीय लोकतंत्र के प्रारंभिक चरण से ही मतदाताओं को प्रलोभन देकर लुभाने की प्रक्रि या की शुरु आत हो चुकी थी. लेकिन नेहरू-इंदिरा के दौर और आज के बीच काफी विषमताएं हैं. नेहरू-इंदिरा के दौर तक भारत में जीवन की मूलभूत जरूरतों में से एक शिक्षा का अत्यधिक अभाव था.

अशिक्षित होने के कारण लोगों को ठगना आसान था. पर अब दौर बदल चुका है. माना कि अब भी लोग मुख्य मुद्दों से हट कर जाति की राजनीति पर ही बल देते हैं, लेकिन शिक्षा के प्रचार-प्रसार से उन्हें समझ में आने लगा है कि भारत के समग्र विकास में ही उनका हित निहित है. अगर भारत का विकास करना है, तो जातिगत विश्वासों को ताक पर रखना होगा और भ्रष्टाचार, अशिक्षा, गरीबी आदि को मुख्य चुनावी मुद्दा बनाते हुए अपने-अपने क्षेत्रों से एक कुशल और ईमानदार राजनीतिज्ञ को चुनना होगा.

अनंत कुमार, कोलकाता

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें