तेल, दूध, बीज में मिलावट करनेवालाें काे मत छाेड़िए

अनुज कुमार सिन्हा राजधानी रांची की इन तीन घटनाआें पर गाैर कीजिए. पहली घटना : एसडीआे भाेर सिंह यादव छापामारी करते हैं. तेल में मिलावट पकड़ते हैं. जांच हाेती है. पाया जाता है कि इसमें जहरीला हाइड्राेजन साइनाइड आैर काेलतार मिला हुआ है. दूसरी घटना : रांची में बीज दुकानाें में जब छापामारी की जाती […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 14, 2017 8:02 AM

अनुज कुमार सिन्हा

राजधानी रांची की इन तीन घटनाआें पर गाैर कीजिए.

पहली घटना : एसडीआे भाेर सिंह यादव छापामारी करते हैं. तेल में मिलावट पकड़ते हैं. जांच हाेती है. पाया जाता है कि इसमें जहरीला हाइड्राेजन साइनाइड आैर काेलतार मिला हुआ है.

दूसरी घटना : रांची में बीज दुकानाें में जब छापामारी की जाती है, ताे जाली बीज पकड़ा जाता है.

तीसरी घटना : रांची पुलिस छापा मारती है आैर दूध के टैंकर में पानी मिलाते (संभव हाे कुछ केमिकल भी मिलाया हाे) लाेग पकड़े जाते हैं.

ये तीनाें घटनाएं आपराधिक घटनाएं हैं. जीवन के साथ खिलवाड़ करनेवाली घटनाएं हैं. छापामारी के दाैरान सैंपल जब्त किये गये, कुछ की जांच हुई, कुछ की बाकी है. सरकारी लैब की प्रारंभिक रिपाेर्ट बताती है कि तेल में मिलावट है. मिलावट सामान्य नहीं. काेलतार आैर हाइड्राेजन साइनाइड मिला हुआ यानी जानलेवा. इसके सेवन से किडनी खराब हाे सकती है (कितनाें की खराब हाे गयी भी हाेगी), ब्रेन हेमरेज हाे सकता है, मल्टी आर्गन फेल हाे सकता है. इसमें शामिल लाेग चाहे जाे भी हाें, वे बड़ा अपराध कर रहे हैं. ऐसी बात नहीं है कि ये सब दाे-चार माह से हाे रहा हाेगा या जाे दाे-चार जगह छापामारी की गयी, वहीं ऐसा धंधा चल रहा है. भरे पड़े हैं ऐसे मिलावटखाेर. हां, अब तक ये पकड़े नहीं गये थे, कार्रवाई नहीं की गयी थी आैर इसका खमियाजा आम जनता भुगत रही है. हाल के वर्षाें में किडनी, ब्रेन हेमरेज आैर कैंसर के अगर अधिक मामले सामने आ रहे हैं, ताे उसका सबसे बड़ा कारण ऐसी ही मिलावट है. थाेड़े से मुनाफे के चक्कर में मिलावट करनेवाले ऐसे व्यापारी समाज के दुश्मन हैं. अगर सही तरीके से जांच हाे जाये, ताे पता चलेगा कि राेग काे ठीक करने के लिए आप जाे दवा ले रहे हैं, वह नकली है. ऐसे मिलावट करनेवालाें की काेई जाति नहीं हाेती, धर्म नहीं हाेता. सिर्फ धंधा हाेता है. अच्छे-ईमानदार व्यापारियाें काे अब ऐसे लाेगाें के खिलाफ खड़ा हाेना हाेगा. मानवता के दुश्मन ऐसे लाेगाें की सत्ता-शासन तक पकड़ हाेती है, कुछ अफसर इनके साथ मिले हाेते हैं, इनके बचाव करनेवाली फाैज भी सामने आती है. साेचिए, अगर आपके घर में भी मिलावटवाला तेल आया हाेगा, आपके बच्चे भी इससे प्रभावित हुए हाेंगे. क्या असर हुआ हाेगा, यह ताे बाद में पता चलेगा. पैसा भी दीजिए आैर जीवन भी बरबाद कीजिए. मिलावट की जांच हुई है, आगे भी हाे जाये. जब प्रमाणित हाे जाये कि असली दाेषी काैन है, ताे उसे छाेड़ना भी नहीं चाहिए. पूरी जिंदगी जेल में बीते, तभी ऐसे लाेग सुधरेंगे. काम कठिन है पर अगर सरकार चाह ले, अधिकारी ठान लें, ताे कुछ भी असंभव नहीं.

अब देखिए बीज में मिलावट. एक किसान कर्ज लेकर इस उम्मीद में बीज खरीदता है कि उसे बाेने के बाद अच्छी खेती हाेगी, फसल हाेगी, जीवन सुधरेगा. बीज बाेता है,लेकिन उसमें से धान की बाली नहीं निकलेगी,क्याेंकि बीज नकली है. साेचिए, कैसे वह किसान जिंदा रहेगा. फसल की उम्मीद में वह चार-पांच माह फसल की देखरेख करेगा, पर मिलेगा क्या? अगर 20 फीसदी बीज (धान का) नकली हाे ताे समझ लीजिए 20 फीसदी धान का उत्पादन राज्य-देश में कम हाेगा. क्या खायेंगे? यह देश के साथ गद्दारी है, किसानाें के साथ गद्दारी है. इसी प्रकार आप अपने बच्चाें काे दूध देते हैं, ताकि वह स्वस्थ रहे. उसमें मिलावट निकला. यह उस बच्चे की जिंदगी से खिलवाड़ है. जहां हाथ लगाइए, वहां मिलावट.

तारीफ करनी चाहिए रांची के युवा एसडीआे भाेर सिंह यादव की. संभव हाे कि उनके कुछ कदम से कुछ लाेग नाखुश हाें, पर स्वार्थ से परे साेचिए. 1991-92 के आसपास रांची में एक एसडीआे आये थे-राणा अवधेश सिंह. तब सिटी एसपी थे अरविंद पांडेय. दाेनाें ने ऐसे ही कड़े कदम उठाये थे. रांची शहर काे राहत मिली थी. वर्षाें बाद भाेर सिंह के रूप में एक जुनूनी अफसर मिला है. संभव है राजनीतिक दबाव के कारण उन्हें परेशानी हाे, पर अच्छे अफसर इसकी चिंता नहीं करते. यह किसी एक भाेर सिंह की जिम्मेवारी नहीं है. मिलावट कर लाेगाें की जिंदगी से खिलवाड़ करनेवाले, नियम काे ताेड़नेवाले ऐसे किसी भी व्यक्ति काे छाेड़ा नहीं जाना चाहिए. पूरी जांच हाे, सरकार गंभीरता बरते आैर काेई किसी भी दल का क्याें न हाे, कितना भी ताकतवर क्याें न हाे, अगर वह दाेषी है ताे उसकी जगह जेल में हाेनी चाहिए ताकि आपकी आैर आपके परिवार की जिंदगी बची रहे. ऐसा कदम उठाना सरकार के लिए भी चुनाैती है.

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