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क्या यही एक रास्ता था….?
अब धनबाद से चंद्रपुरा कोई ट्रेन नहीं चलेगी, क्योंकि भूमिगत आग फैल रही है. क्या यह आग हाल के कुछ दिनों में फैली है? क्या इसका पता दो दिन पहले चला, जो आनन-फानन में रेलवे स्टेशन बंद कर दिये गये? क्या यही एक मात्र तरीका था इससे निबटने का? इस भयावह स्थिति की जानकारी तो […]
अब धनबाद से चंद्रपुरा कोई ट्रेन नहीं चलेगी, क्योंकि भूमिगत आग फैल रही है. क्या यह आग हाल के कुछ दिनों में फैली है? क्या इसका पता दो दिन पहले चला, जो आनन-फानन में रेलवे स्टेशन बंद कर दिये गये? क्या यही एक मात्र तरीका था इससे निबटने का? इस भयावह स्थिति की जानकारी तो कई सालों से थी, तो इसे बुझाने का प्रयास क्यों नहीं किया गया? इसके लिए ठोस कदम क्यों नहीं उटाये गये, जो लाखों लोगों को परेशानी में डाला गया?
ट्रेन का सफर लाइफ लाइन कहा जाता है और सरकार ने लाइफ छीन ली है. कतरासगढ को उन्नति के बजाय अवनति की ओर ढकेला जा रहा है. बिना कोई वैकल्पिक व्यवस्था किये फैसला सुना दिया और कहते हैं हम जनहित में काम कर रहे हैं! सरकार अपने फैसले पर पुन: विचार करे तथा ट्रेन का आवागमन ना रोके और स्टेशन बंद ना करवाये.
शिल्पा कर्ण, इमेल से
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